बिहार के नए मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी- फर्जी बीएड डिग्री रैकेट में शामिल होने का था आरोप, इस बार लोकसभा चुनाव में हारे भी थे

|नि० सं०|19 मई 2014|
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री की दो दिनों की नौटंकी का अंत उपरी तौर पर तो हुआ, पर पर्दे के पीछे ड्रामा अभी और चलेगा. अभी दो दिनों पहले जब नीतीश कुमार ने लोकसभा चुनावों में हार की नैतिक जिम्मेवारी लेते हुए इस्तीफ़ा दिया तो राजनीति के जानकारों ने इसे नीतीश कुमार का नया पैंतरा ही माना. साथ ही जब इस्तीफ़ा वापस लेने के लिए जब समर्थकों ने प्रदर्शन किया तब लोगों को बात समझ में आने लगी कि ये बिहार की उच्चस्तरीय नौटंकी है. पर बताते हैं कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव नीतीश को अब सीएम की कुर्सी पर फिलहाल नहीं देखना चाहते थे, पर आज विधायकों की मीटिंग में नीतीश ने इतना अधिकार तो ले ही लिया कि नए सीएम का नाम उन्हीं के द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा. और शायद यही वजह रही कि उठापटक के बीच नीतीश ने अपने सबसे वफादार माने जाने वाले जीतन राम मांझी का नाम राज्यपाल के पास रख दिया. जीतन राम मांझी महादलित वर्ग के मुसहर समुदाय से आते हैं.
      जीतन राम मांझी गया जिले के बाराचट्टी और जहानाबाद के मकदूमपुर से चुनाव जीतते रहे हैं और नीतीश कुमार के बेहद नजदीकी माने जाते हैं. 1990 के दशक में उनपर फर्जी बी.एड. डिग्री के रैकेट में शामिल होने का आरोप लगा था और मामले में एफआईआर दर्ज कर विजिलेंस ने जांच शुरू की थी तो उन्हें अपने मंत्री पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा था.
      इस बार के लोकसभा चुनाव में जीतन राम मांझी गया (सुरक्षित) से जदयू से लोकसभा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े थे, पर वे न सिर्फ चुनाव हारे, बल्कि तीसरे स्थान पर रहकर अपनी जमानत भी जब्त करा ली. जनता भले उन्हें नकार दी हो पर इन सबके बावजूद नीतीश ने उन्हें ही अपना उत्तराधिकारी बनाया. कल मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले जीतन राम मांझी मधेपुरा के बीस सूत्री मंत्री भी रहे हैं.
      बहुत से लोगों का मानना है कि नीतीश ने ऐसा करके अभी भी सत्ता की चाभी अपने पास रखी है. वहीँ नीतीश के इस्तीफ़ा के पीछे की सबसे बड़ी वजह नरेंद्र मोदी का प्रधानमंत्री बनना माना जाता है क्योंकि जिस शख्स का विरोध कर उन्होंने गठबंधन तक तोड़कर लोकसभा चुनाव में बड़ा घाटा उठाया अब उसी नरेंद्र मोदी के सामने नीतीश को बिहार के विकास के लिए विशेष राशि के लिए हाथ फैलाना होता और प्रधानमंत्री यदि बिहार आते तो उनके स्वागत में भी नीतीश को खड़ा रहना होता, जो नीतीश के अहं को चकनाचूर कर देने जैसा था.
बिहार के नए मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी- फर्जी बीएड डिग्री रैकेट में शामिल होने का था आरोप, इस बार लोकसभा चुनाव में हारे भी थे बिहार के नए मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी- फर्जी बीएड डिग्री रैकेट में शामिल होने का था आरोप, इस बार लोकसभा चुनाव में हारे भी थे Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on May 19, 2014 Rating: 5

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