|मुरारी कुमार सिंह|24 मार्च 2014|
माना जाता है कि चुनाव के दौरान वोटरों को रिझाने और
अपराधी तत्वों के द्वारा शराब का खेल-वेल जमकर होता है, जिससे चुनाव स्वच्छ और
निष्पक्ष होने की सम्भावना कम हो जाती है. मधेपुरा में होने वाले लोक सभा चुनाव के
दौरान शराब व्यवसायियों और दुकानदारों पर भी प्रशासन की नजर सख्त रहेगी.
जिला
समाहरणालय के सभागार में आज मधेपुरा के जिलाधिकारी गोपाल मीणा ने शराब व्यवसायियों
और एक्साइज के अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की और कई कड़े निर्देश दिए.
जिलाधिकारी ने कहा कि उनकी नजर चुनाव में सबसे अधिक शराब की खरीद-बिक्री पर ही
रहती है. उन्होंने शराब व्यवसायियों को आगाह किया कि आचार संहिता के पालन में उनकी
जरा सी चूक उनपर सीसीए की धारा लगने सहित एफआईआर तो करा ही देगी साथ ही उनका
लाइसेंस भी रद्द कर दिया जाएगा. जिलाधिकारी ने यह भी अपील की कि यदि किसी अन्य जगह
अवैध रूप से शराब की बिक्री का पता चले तो कोई भी व्यक्ति उनके मोबाइल पर मैसेज से
भी सूचना भेज सकता है. सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम और पहचान गुप्त रखा जाएगा.
जिलाधिकारी ने एक्साइज के अधिकारियों को भी इस सम्बन्ध में आवश्यक निर्देश दिए.
मौके पर
एसपी आनंद कुमार सिंह ने भी शराब व्यवसायियों को आवश्यक निर्देश दिया.
चुनाव को लेकर शराब व्यवसायियों पर कसा प्रशासन का शिकंजा
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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March 24, 2014
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