“तुम मिले, दिल खिले और
जीने को क्या चाहिए,
सारे संसार का प्यार मैंने तुम्ही में पाया.”
पर संसार भर का प्यार कभी-कभी बिखरने में देर नहीं
लगती. मधेपुरा जिले के पुरैनी की सपना (बदला नाम) की जब शादी होने वाली थी, तो उसे
लगता था कि वह अपने खूबसूरती और अच्छे स्वभाव के बल पर उम्र भर पति की प्यारी बनकर
रहेगी. शुरू में हुआ भी वही. पति ऐसी सुन्दर पत्नी को पाकर निहाल था. कहता भी था, ‘सपना, मैं अपनी किस्मत पर फूले
नहीं समा रहा हूँ जो तुम जैसी पत्नी मिली’.
पर दो
साल होते-होते पति का स्वभाव बदल गया. बात-बात पर चीखने-चिल्लाने के साथ ही वह
सपना के साथ मारपीट भी करने लगा. उसे सपना के हर काम यहाँ तक कि किसी के साथ बात
तक करने पर भी आपत्ति होने लगी. पति को समझाने तथा सबकुछ चुपचाप सहने के बाद भी
पति की प्रताड़ना बढ़ती चली गई और पति के मन का शक वह लाख कोशिश करने के बाद भी
निकाल न सकी. आखिर सपना टूट गई और अपने माइके आकर रहने लगी.
साहुगढ़
की पूनम (बदला नाम) की माँ कहा करती थी कि उसकी बेटी जितनी सुन्दर है कि जो उसका
पति होगा इस फूल सी बच्ची को अपने हथेली पर रखेगा. पूनम की शादी हुई तो पिता ने
जहाँ खूब सारा दहेज देकर पूनम को विदा किया वहीँ ससुराल में पति सौरभ का प्यार
पाकर पूनम भी अपने भाग्य पर इतराने लगी थी. एक साल के बाद ही वैभव का जन्म हुआ तो
पोता पाकर ससुराल वाले की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. पर पहले बच्चे के जन्म के बाद
से ही पति का
स्वभाव बदलने लगा. पहले जहाँ किसी गलती पर सौरभ यह कहा करता था कि
चिंता मत करो, गलती किससे नहीं होती है, अब छोटी गलती पर भी पूनम के साथ मारपीट
होने लगी. और फिर एक दिन पूनम जब दशहरा में अपने माइके आई तो फिर पति उसे वापस
लेने नहीं आया. अपने भाई के साथ पूनम ससुराल पहुँच गई तो पति ने उसे बुरी तरह
मारपीट कर भगा दिया. पूनम को पता चला कि उसके पति का अवैध सम्बन्ध किसी दूसरी
महिला से है. पूनम के घरवालों ने पंचायत भी बिठाई पर पति पंचायत में भी नहीं आया.
वैवाहिक विवाद का मामला कोर्ट में है.
यह
कहानी सिर्फ सपना या पूनम के साथ ही नहीं है. जिले में कई दर्जन ऐसी महिलायें हैं
जो पति की प्रताड़ना से तंग आकर न्यायालय के शरण में हैं.
जानकारों
का मानना है कि पति का शक्की स्वभाव और चरित्रहीनता ऐसी घटनाओं के जड़ में हैं.
समाज में आये खुलेपन की वजह से भी पतियों के किसी और के साथ अवैध सम्बन्ध आसानी से
बन रहे हैं और इसका खामियाजा पत्नी को भुगतना पड़ रहा है. हालाँकि कई मामलों में
पत्नियाँ भी कहीं न कहीं दोषी रहती हैं.
प्रताड़ना के मामले पर मधेपुरा की
बीडीओ पूजा कुमारी का मानना है कि जहाँ महिलाओं में अशिक्षा है वहां वे अधिक
प्रताड़ित हो रही हैं, लेकिन शिक्षित महिलायें अपने अधिकार के प्रति सजग हैं और वे
बहुत हद तक अपनी समस्याओं को सुलझाने में भी सक्षम है.
जो भी हो, पर छोड़े जाने के बाद
भी सपना और पूनम इस बात का इन्तजार कर रही हैं कि कब उनके पति का फोन आएगा और वे
कहेंगे, ‘माफ कर दो मुझे, मैं भटक
गया था. तैयार होकर रहो, मैंने तुम्हें लेने आ रहा हूँ.’
‘किसी नजर को तेरा इन्तजार आज भी है,
कहाँ तो तुम कि ये दिल बेकरार आज भी है.’
(खबर से सम्बंधित वीडियो देखने के लिए यहाँ क्लिक करें.)
(मधेपुरा टाइम्स के लिए कुमार शंकर सुमन की एक रिपोर्ट
महिला दिवस पर मधेपुरा जिले की करीब आधा दर्जन महिलाओं से बातचीत पर आधारित)
कई बेहद खूबसूरत महिलाओं को छोड़ा उनके पति ने: रिश्तों में बिखराव क्यों? एक रिपोर्ट
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
March 10, 2014
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