महात्मा गांधी ने सुभाषचंद्र बोस
को नेताओं का नेता कहा था. पर यहाँ आज के नेता नेताओं के नेता (सुभाषचंद्र बोस) की
जयंती तक भूल जाते हैं. हाँ, एक खास परिवार की जयंती हो या पुण्यतिथि, उसकी पूरी
तैयारी पहले से ही की जाती है. एक अकेला बूढ़ा नेता श्रद्धांजलि अर्पित करता है,
आँखें नाम हो जाती है जब ये समाचार बनकर आता है.
जय हिंद का राष्ट्रीय नारा ये
नेता तो बार-बार लगाते हैं पर जिन्होंने जय हिंद का नारा
दिया, उन्हें लोग भूल
जाते हैं. हमारे देश की ये बिडम्बना ही कही जाय कि ऐसे ही नेता चुन लिए जाते हैं.
पता नहीं हमारे देश के वोटर किस लालच में फंस जाते हैं.
समझना होगा सबकुछ देश की जनता को और आज अवसरवादिता की राजनीति
करने वाले नेताओं को सबक सिखाने की जरूरत दीख पड़ती है.
विजय प्रभात प्रॉटिष्ट
भोपाल
आखिर क्या बोला जाय इन नेताओं को ?
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
January 27, 2014
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