|वि० सं०|17 नवंबर 2013|
ये मौका था आज अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर आयोजित
एक परिचर्चा का जिसका विषय था ‘वर्तमान शिक्षा में छात्र, शिक्षक एवं अभिभावक की भूमिका’.
बात
निकली है तो दूर तलक जायेगी की तर्ज पर वक्ताओं ने जब अपनी बातें कहीं तो लगा कि
मधेपुरा में बदतर शिक्षा व्यवस्था की एक-एक बात सामने आ जायेगी. जिला मुख्यालय के
राजकीय अम्बेदकर कल्याण छात्रावास, टीपी कॉलेज, मधेपुरा में शिव राजेश्वरी युवा
क्लब के द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता छात्रावास अधीक्षक डा० जवाहर
पासवान ने की.
इस मौके
पर डा० भूपेंद्र नारायण मधेपुरी ने उद्धरण देकर कहा कि डीएम, सीएम और पीएम समाज से
भ्रष्टाचार खत्म नहीं कर सकते, पर माँ, पिता और शिक्षक चाहे तो ऐसा हो सकता है. पीएस
कॉलेज के प्राध्यापक आलोक कुमार ने कहा कि यहाँ डिग्रियां बिकती है. शिक्षक
राष्ट्रनिर्माता कहे जाते हैं, पर आज अपना निर्माण नहीं कर सकते हैं.
वहीं
आदर्श कॉलेज घैलाढ़ के प्राध्यापक शम्भू शरण भारतीय ने कहा कि मधेपुरा हर वक्त किसी
न किसी के चंगुल में रहा है, चाहे वह तथाकथित समाजवादी हो, या साहित्यकार या फिर
शिक्षा माफिया. उनकी चंगुल से सिस्टम को बाहर लाना होगा.
स्वास्थ्य
विभाग की काउंसेलर सुधा संध्या ने कहा कि जिन्हें कुछ नहीं आता है वो मंडल
विश्वविद्यालय से डिग्री लेकर चला जाता है. आज अभिभावक भी अनैतिक ढंग से कमा कर
बच्चों को डॉक्टर, इंजीनियर बनाना चाहते है. समाज में एक बड़े आंदोलन की जरूरत है.
25
वर्षों तक जुझारू पत्रकार रह चुके शिक्षक डा० सुरेश भूषण ने वर्तमान शिक्षा की
बदहाली के लिए छात्र. शिक्षक और अभिभावक तीनों को सामान रूप से जिम्मेवार ठहराया.
उन्होंने यह भी कहा कि चोरी की ठेकेदारी शिक्षक ही लेते हैं और मधेपुरा में
विशिष्ट लोगों के लिए केन्द्राधीक्षक के कमरे में कॉपियां लिखी जाती हैं. पढ़ाई के
लिए कभी शिक्षक को आंदोलन करते नहीं देखा गया है, वे पढाने की बजाय कुर्सियों पर
समय बिताते हैं. डा० सिद्धेश्वर कश्यप का कहना था कि छात्र पढाई के लिए आंदोलन
नहीं करते हैं तो शिक्षक शैक्षणिक माहौल बनाने का कोई प्रयास नहीं करते.
कार्यक्रम में में टीपी कॉलेज के
प्राचार्य सुरेश प्रसाद यादव ने कहा कि भले ही हम मधेपुरा की परीक्षाओं में चल रही
चोरी की बात करें पर यहाँ भी प्रतिभाओं की कमी नहीं है. उदहारण में उन्होंने एक
अन्य वक्ता आदर्श कॉलेज घैलाढ़ के प्राध्यापक शम्भू शरण भारतीय के बारे में कहा कि
इनके जैसे लोग पिता और शिक्षक दोनों की भूमिका बेहतर ढंग से निभा रहे हैं जिसकी
वजह से इनकी बेटी रचना भारतीय बीपीएससी पास कर आज बीडीओ है. मधेपुरा की शिक्षा
व्यवस्था में शिक्षकों की भूमिका पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि परीक्षा कक्ष
के अंदर नक़ल की छूट देकर शिक्षक चोरी को निमंत्रण दे रहे हैं.
इस मौके पर शिक्षक एम.के. मशाल, छात्रा शिवांगी, कबड्डी संघ के
अरूण कुमार, मौजूद मीडियाकर्मियों आदि ने भी अपने विचार रखे. कार्यक्रम का सञ्चालन
हर्षवर्धन सिंह राठौर कर रहे थे.
[News Title: Teachers take tender in Examination of Madhepura]
‘मधेपुरा में चोरी की ठेकेदारी लेते हैं शिक्षक’
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
November 17, 2013
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