घर रौशन पर गोवर्धन पूजा से एक दिन पहले मवेशी उपेक्षित

 |वि० सं०|03 नवंबर 2013|
आज दीपावली के दिन जहाँ लोगों ने अपने घर को सजाया और धन-धान्य के लिए लक्ष्मी की पूजा की वहीं चंद गिने-चुने लोगों ने लक्ष्मी के एक बड़े स्रोत को घर के बाहर ही लावारिस हालत में रहने को छोड़ दिया. जिला मुख्यालय में कुछ लापरवाह पशु मालिकों द्वारा मवेशियों को लावारिश हालत में सड़क पर रहने के लिए छोड़ देने की प्रथा बहुत पुरानी है. मधेपुरा की सड़कों पर बैठे इन मवेशियों से सड़क पर चलने वाले लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है. पर आज पटाखों की गूँज और निकलती चिंगारियों के भय से दर्जनों मवेशियों ने पुरानी कचहरी परिसर में आश्रय ले रखा था. इनमें से कई छोटे बछड़े भी थे जो बढ़ते ठंढ में कंपकंपा रहे थे.
      बता दें कि दिवाली के अगले दिन यानी कल गोवर्धन पूजा है जिसमें गो धन यानी गायों की पूजा होती है. गाय को देवी लक्ष्मी का स्वरुप भी माना गया है. गाय  के प्रति श्रद्धा प्रकट करने के लिए ही कार्तिक शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के दिन गोर्वधन की पूजा की जाती है. ऐसे में इन्हें रात्रि में भी सड़को पर लावारिस हालत में छोड़ देना अशोभनीय है जबकि इनके दुधारू होने के समय इनसे धन उपार्जित किया जाता है. 
[Pet animals ignored in Madhepura]
घर रौशन पर गोवर्धन पूजा से एक दिन पहले मवेशी उपेक्षित घर रौशन पर गोवर्धन पूजा से एक दिन पहले मवेशी उपेक्षित Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on November 03, 2013 Rating: 5

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