|वि० सं०|27 सितम्बर 2013|
जिले में शायद ही किसी बैंक की स्थिति पूरी तरह ठीक
हो. माफ कीजियेगा, खुल कर लिख रहा हूँ कि कई बैंकों के अधिकाँश अधिकारी और
कर्मचारी भ्रष्ट ही नहीं पतित किस्म के हैं. चैनल दशकों से चल रहा है. लोगों का
कहना है कि कई बार ब्रांच मैनेजर से लेकर फील्ड ऑफिसर तक आपको लोन के नाम पर इतना
परेशान करेंगे कि आपकी सोचने-समझने की शक्ति ही क्षीण हो जायेगी. दलाल दशकों से
बैंकों में हावी हैं और पान खाते आपको बैंक के इर्द-गिर्द नजर आ जायेंगे.
सूत्रों का मानना है कि कुछ बैंक के कई अधिकारियों का लोन सैंक्शन में कमीशन फिटहै. विजिलेंस की पकड़ में ये ना आयें इसलिए इन्होने ही दलाल प्रथा विकसित कर रखी है. बिना कोई व्यवसाय दिखाए ये दलाल आज करोड़ों में खेल रहे हैं और बैंक अधिकारी की संपत्ति की जांच कराकर देखिये, सब पता चल जाएगा.
बानगी: डीएम के जनता दरबार में
जजहट सबेला की पार्वती देवी पहुंचती है और अपने दुखड़े के साथ एक आवेदन देती है.
पार्वती पति के लगातार बीमार रहने के कारण गाय पालकर बल-बच्चे का पोषण करती है.
भूमि विकास बैंक के प्रबंधक ने पार्वती को सलाह दी कि ADB, स्टेट बैंक से लोन ले लो, 50% सब्सिडी है. पार्वती का आरोप
है कि एडीबी स्टेट बैंक के शाखा प्रबंधक अशोक प्रसाद साह ने एक राजकुमार साह नामक
व्यक्ति को कैशियर कह कर बुलाया और राजकुमार साह के निर्देशानुसार ही पार्वती को
खर्च करने को कहा. भिरखी वार्ड नं. 26 के राजकुमार साह ने कभी खाता खुलवाने, कभी
जमीन का मॉर्गेज करवाने, कभी इम्बौस करवाने तो कभी बैंक का नियम बताकर ऋण का 10%
एडवांस जमा करने के नाम पर पार्वती देवी से हजार-वजार नहीं, बल्कि 2,33,000/-
रूपये ठगी-फरेब कर लिया. पार्वती को 20 गाय पालन के लिए 15 लाख रूपये ऋण
दिलाने का
जो वादा बैंक वालों ने पहले किया था, बाद में राज कुमार साह ने कहा कि अभी लोन
नहीं मिलेगा. ठगी के इस पूरे प्रकरण के दौरान पार्वती को उनलोगों ने नकली चेक भी
दिखाए थे.

अब
स्थिति ये है कि जमीन आदि बेचकर लोन की आस में पार्वती का परिवार टूट कर बिखर चुका
है. सभी बच्चे की पढ़ाई रुक गई है छोटा लड़का दिमागी संतुलन खो बैठा है. पार्वती आज
आत्महत्या का मन बना रही है.
जिलाधिकारी
गोपाल मीणा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए ब्रांच मैनेजर को पार्वती को लोन देने
तथा दलालों के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दे दिए हैं.
पर
जगह-जगह बैंक में सक्रिय दलालों के चैनल को बैंक अधिकारी खत्म करेंगे इसमें संदेह
ही है क्योंकि वे भी परिवार समेत हराम की कमाई के आदी हो चुके हैं. ऐसे में लोन के
इच्छुक व्यक्ति को चाहिए कि किसी भी जगह यदि उन्हें ठगे जाने का अंदेशा महसूस हो
तो वे रीजनल ऑफिस फोन करें. याद रखे बिना रसीद दिए यदि कोई एक रूपया भी मांगता है
वो वह घूस की श्रेणी में आ सकता है. इन दलालों की सूचना आप मधेपुरा थाना को भी इस
नंबर पर दे सकते हैं: 9431822774.
तो सावधान
मधेपुरा ! बैंक में कोई भी काम हो, रिश्वत न दें और थोड़ी हिम्मत करें. पहुंचाएं इन
दलालों को सलाखों के पीछे, क्योंकि वही जगह इनके लिए बनी है.
जाग मधेपुरा जाग ! डिक्कीतोड़वा गिरोह से खतरनाक हैं बैंक के दलाल
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 27, 2013
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