जिला प्रशासन के द्वारा स्वतंत्रता दिवस की संध्या
को बी.एन.मंडल स्टेडियम में प्रायोजित कार्यक्रम बदइंतजामी की भेंट चढ़ गया.
प्रशासन की ढुलमुल व्यवस्था और दर्शकों के लिए पर्याप्त कुर्सियां नहीं रहने के
कारण लगातार उत्पन्न हो रहे व्यवधान से आजिज दर्शकों के द्वारा बार-बार शोर मचाने
पर जब पुलिस ने लाठियां भांजी तो दर्शकों ने भी जमकर कुर्सियां उछालीं और कई
कुर्सियों को तोड़ डाला. बता दें कि कुछ दर्शकों के लिए कुर्सियां दी गई तो अधिकाँश
दर्शकों को पुलिस ने एसडीपीओ कैलाश प्रसाद के निर्देशन में जबरन जमीन पर बैठा
दिया, जहाँ से उन्हें देखने में भारी परेशानी हो रही थी. दर्शकों में कार्यक्रम के
दौरान कई बार असंतोष उत्पन्न हुआ, पर विरोध करने पर दौड़ा-दौड़ा कर उनपर लाठियां
चलाई गई.
मधेपुरा
में ये कोई पहला मौका नहीं है जब दर्शकों ने कुर्सियां तोड़ी हैं. राष्ट्रीय पर्व
के अवसर पर जब भी स्टेडियम में कार्यक्रम हुए हैं, ज्यादातर हंगामा हुआ ही है.
हैरत की बात तो ये है कि यहाँ जिले के लगभग सारे बड़े पदाधिकारी मौजूद रहते हैं पर
वे लगभग मूक दर्शक बने रहते है. आज शाम कई बार हंगामे के बाद डीएम तथा एसपी ने मंच
पर जाकर शान्ति बनाये रखने का आदेश दिया, पर अनुरोध व्यर्थ जाता रहा.
सबसे
बड़ा सवाल यहाँ आम आदमी के जेहन में ये उठता है कि जब प्रतिवर्ष यहाँ कार्यक्रम को
देखनेवालों की बड़ी भीड़ जमा होती है तो क्यों नहीं प्रशासन दर्शकों की सुविधा का
ख्याल रखती है ? क्या यहाँ भी जिले के कुछ भ्रष्ट पदाधिकारी कार्यक्रम के नाम पर
राशि की लूट के इंतजाम में रहते हैं? कई सवाल अनुत्तरित रह जायेंगे क्योंकि अब ऐसा
ही प्रतीत होता है कि अपनी सुख-सुविधा को लगातार बेहतर बनाने ले लगे ये पदाधिकारी
आम जनता के प्रति जरा भी जावबदेह नहीं हैं. ऐसे में मधेपुरा के कला प्रेमियों को कबतक प्रशासन की कुव्यवस्था का शिकार होकर पुलिस की लाठियां खानी पड़ेगी, कहना मुश्किल है.
प्रशासन द्वारा आयोजित कार्यक्रम:टूटी कुर्सियां, चली लाठियां
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 15, 2013
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