आरोपी डोमी राम 25 नवंबर 2023 से न्यायिक हिरासत में था। इस मामले में कथित पीड़िता की नानी ने 18 अक्टूबर 2023 को कुमारखंड थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि डोमी राम सहित कुछ लोगों ने उसकी नाबालिग पुत्री का अपहरण कर उत्तरप्रदेश के एक व्यक्ति से विवाह करा दिया।
मामले में बचाव पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए चीफ एलएडीसीएस सीपी चंदन ने बताया कि अदालत ने सभी गवाहों के बयान पर विचार करने के बाद डोमी राम को बरी कर दिया। उन्होंने कहा कि कथित पीड़िता सहित पांच गवाहों के बयान न्यायालय में कराए गए, लेकिन किसी ने भी आरोपी के खिलाफ अपराध सिद्ध नहीं किया। पीड़िता ने भी अदालत में कहा कि डोमी राम ने उसके साथ किसी प्रकार का अपराध नहीं किया। उन्होंने यह भी कहा कि किसी ने उसकी शादी जबरदस्ती नहीं कराई। उसने बताया कि वह अपने मौसी-मौसा के घर पर थी।
बचाव पक्ष के चीफ एलएडीसीएस सीपी चंदन ने कहा कि अभियोजन पक्ष मामले को साबित करने में पूरी तरह असफल रहा। यदि पुलिस सही तथ्यों की जांच करती तो निर्दोष डोमी राम को दो वर्षों तक जेल में नहीं रहना पड़ता।
(रिपोर्ट: मनीष कुमार)

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