जिले के कई थानेदारों की करतूत मधेपुरा पुलिस को
अक्सर शर्मिंदा करती रहती है. इस बार वर्दी पर दाग लगा है शंकरपुर के थानाध्यक्ष एकरार अहमद खान पर. बासडीह के मामले को लेकर दो पक्षों के बीच हुई मारपीट में पहले तो
थानाध्यक्ष ने थाना पहुंचकर आवेदन दिए दोनों पक्षों को पकड़कर हाजत में ठूंसा और
आरोप है कि पिटाई भी की. दोनों पक्षों ने जब आपसी भेदभाव को भुलाकर मेल करना चाहा
तो मानो थानाध्यक्ष के पैसे कमाने के अरमान पर पानी फिरता नजर आया. वर्दी का रौब
जमाकर थानाध्यक्ष ने मेल करने पर भी 30 हजार रूपये घूस की मांग कर दी. यही नहीं
मांग पर अड़े उन्होंने यह कहकर धमकाया भी यदि पैसे नहीं न दिए तो जेल भेज दूंगा.
रात भर दोनों पक्ष हाजत में पड़े रहे और सुबह जब दोनों पक्षों के हिमायती लोग थाना
पहुंचे तो उनसे वही वही मांग शुरू हुई.
और फिर पीडितों
ने आरोप लगाया कि डंडे की चोट पर एकरार खान ने पैसे नहीं मिलने पर तिलमिलाए दोनों
पक्षों पर किया एफआईआर और भेज दिया जेल. शंकरपुर थाना के भलुआहा गाँव के मिथिलेश
यादव, उमेश यादव आदि को झगड़ा करना उतना महंगा नहीं पड़ता जितना एक महंगा वर्दी वाले की करतूत से पड़ा.
मधेपुरा
टाइम्स को अपना दुखड़ा सुनाते पीडितों के परिजनों ने कहा, ‘सर बहुत भ्रष्ट थाना प्रभारी है,
पता नहीं हमलोगों को कैसे निजात मिलेगा ?’
वर्दी पर दाग: थानाध्यक्ष ने सुलह कराने के लिए माँगा 30 हजार
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
July 02, 2013
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