|वि० सं०|04 जुलाई 2013|
एक तरफ जहाँ महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ रखी है
वहीँ दूसरी तरफ गैस की बढ़ती कीमतों ने रसोई पर भी हमला किया है. उपर से इन दिनों
मधेपुरा में गैस एजेंसी में काम करने वाले कर्मचारियों की करतूत से उपभोक्ताओं के
भोजन का स्वाद भी कड़वा हो चला है.
शहर के
सबसे पुराने भारत गैस की दूकान मे. योगेन्द्र गैस एजेंसी के कर्मचारियों से आम
उपभोक्ता परेशान है. अपने उपभोक्ताओं को दिए टेलीफोन नंबर पर अक्सर फोन करने पर
घंटी बजती रह जाती है. काउंटर पर उपभोक्ताओं के सामने कुछ कर्मचारी इस तरह के
हावभाव प्रदर्शित करते हैं मानो वे न सिर्फ गैस सिलिंडर का नंबर लगा दे रहे हैं
बल्कि उपभोक्ताओं के पूरे परिवार का भी भरण-पोषण कर रहे हों.
गुलजारबाग
वार्ड नं.20 ग्रीन पार्क के एक उपभोक्ता (उपभोक्ता संख्यां.21553) ने मधेपुरा
टाइम्स कार्यालय को फोन कर बताया कि उन्होंने गत रविवार को ही मे. योगेन्द्र गैस
एजेंसी पर खुद जाकर घरेलू गैस सिलिंडर के लिए रजिस्टर में अपना नंबर और पता दर्ज
करवाया था, पर आज चार दिन बाद गुरूवार तक भी उनके घर सिलिंडर नहीं पहुंचा है. ऐसे
मे वे पड़ोसी के घर जाकर खाना बनाने को मजबूर हैं.
शहर मे
उपभोक्ताओं की एक और शिकायत है कि सिलिंडर पहुंचाने वाला कर्मचारी 30-40 रू० अधिक
ले लेता है. नहीं देने या कम देने पर अगली बार घर तक सिलिंडर पहुंचाने में ना-नुकुर
करता है. कई उपभोक्ताओं ने बताया कि वे अपनी शिकायत ऊपर तक पहुंचाने तथा अन्य विकल्प
ढूँढने पर भी विचार कर रहे हैं.
गैस उपभोक्ता परेशान: मधेपुरा में भारत गैस की सेवा चरमराई
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
July 04, 2013
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