|वि० सं०|19 जुलाई 2013|
दुनियां के कई देशों में भले ही लिव-इन रिलेशनशिप पर
क़ानून की मुहर लग चुकी हो, पर भारत जैसे देश में ये लोगों को आसानी से नहीं पच रहा
है. भले ही पश्चिमीकरण की हवा में बहुत से युवा पुरानी संस्कृति और सभ्यता को
ठेंगा दिखाते हुए महानगरों में ‘लिव-इन-रिलेशनशिप’ को अपना चुके हैं.
जहाँ तक
भारत के न्यायालयों की बात है, पहले तो चेन्नई हाई कोर्ट ने ये व्यवस्था देकर बिना
शादी किये हुए साथ रहने वालों को झटका दिया कि यदि सेक्स किया तो वे बन जायेंगे पति-पत्नी.
और अब केरल हाई कोर्ट ने एक नई व्यवस्था दे दी है कि लिव-इन रिलेशनशिप में रहने
वालों पर भी घरेलू हिंसा लागू होगी. यानी घरेलू हिंसा क़ानून की धाराओं के दायरे
में वे महिला-पुरुष भी आयेंगे जो बिना शादी किये एक साथ रह रहे हैं.
दो उच्च
न्यायालयों का ये निर्णय लिव-इन रिलेशनशिप के अंतर्गत साथ रहने वालों के लिए
निश्चित रूप से चिंता का विषय है.
‘लिव-इन-रिलेशनशिप’ में भी लागू होगा घरेलू हिंसा क़ानून
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
July 19, 2013
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