|नि.सं.| 12 मई 2013|
महिलाओं के भड़काऊ या अर्धनग्न पहनावे को देखकर
पुरुषों की मनोवृत्ति में बदलाव आ जाता है और वे दुष्कर्म को अंजाम दे सकते हैं.
इसके वैज्ञानिक कारण भी हैं और सामजिक भी. ऐसे में महिलाओं को कहीं जाने के समय
उन्हें परदा के साथ जाना चाहिए. कुछ ऐसा ही मानना है मधेपुरा की परिवार नियोजन
परामर्शी सुधा संध्या का.
महिलाओं
के विरूद्ध बढ़ रहे दुष्कर्म की घटनाएं तथा अन्य अत्याचार पर सुधा संध्या का कहना
है कि इसका सबसे बड़ा कारण महिलाओं में आत्मविश्वास की कमी है. हर बात में वे
पुरुषों का सहारा खोजती हैं जिसके कारण वे अधिकाँश मामलों में कमजोर पड़ जाती हैं.
महिलाओं को सबल बनाने के लिए सबसे अधिक जरूरी है उनमे आत्मविश्वास भरा जाय. कपड़े
को भी दुष्कर्म या छेड़छाड़ के लिए जिम्मेवार मानने वाली सुधा से जब यह पूछा गया कि
यदि कपड़ा मुद्दा होता तो पांच साल की बच्ची या साठ साल की महिला के साथ दुष्कर्म न
होते पर सुधा का कहना है कि ऐसे लोग मानसिक रूप से पूरी तरह रोगी होते हैं वे कुछ
भी कर सकते हैं, पर भड़काऊ और अर्धनग्न कपड़े भी दुष्कर्म के लिए जिम्मेवार हैं.
भड़काऊ ड्रेस देख बदल जाती है पुरुषों की मनोवृत्ति: सुधा संध्या
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
May 12, 2013
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अगर कपड़े पहने के कारण दुष्कर्म होता हैं तो कृपया के बतलाये फिर दुधमुंहे, 3 वर्ष, 5 वर्ष, 8वर्ष, के बच्चों के साथ ये क्यू होता हैं....... हमारे देश में एक मर्द के Perfume बेचने के लिए भी लड़कियों जिस्म की जरुरत होती हैं
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