आज जहाँ सरकारी नौकरी के लिए लोग मारामारी करते नजर
आते हैं वहीं उच्चाधिकारियों की करतूत ने मधेपुरा के एक पदाधिकारी की जान ले ली.
मधेपुरा जिले के आलमनगर के रहने वाले ऋषि मंडल पूर्णियां जिले के बरहरा कोटी
प्रखंड में मार्केटिंग ऑफिसर के पद पर थे. इससे पूर्व जब वे भागलपुर जिले के
पीरपैंती प्रखंड में पदस्थापित थे उसी समय मार्केटिंग ऑफिसर ऋषि मंडल पर 80 लाख
रूपये के के गेहूं गायब करने के साजिस का आरोप लगा था. उस मामले में उच्चाधिकारियों
के द्वारा जांच चल रही थी और मृतक ऋषि मंडल के परिजनों का आरोप है कि ऋषि मंडल को
बार-बार प्रताड़ित भी किया जा रहा था. और इसी सदमें में बुधवार को बरहारा कोठी में
ही ऋषि मंडल की मौत हो गई. परिजनों ने उनकी मौत के पीछे उनपर गलत आरोप लगाकर
प्रताड़ित करना कारण बताया है.
जानकार
बताते हैं कि हाल में ही बिहार के कई जिलों के मार्केटिंग ऑफिसर को सरकार ने गेहों
आदि खरीद के निर्देश दिए थे. रख-रखाव के अभाव और सरकार के अगले दिशानिर्देश के भाव
में बहुत से अनाज खराब हो गए, वस्तुस्थिति को जाने बिना ही उच्चाधिकारियों ने खराब
गेहूं कि क्षतिपूर्ति के लिए मार्केटिंग ऑफिसर को ही दोषी ठहराते हुए कार्यवाही
करनी शुरू कर दी. ऋषि मंडल की मौत की वजह उनपर की जा रही कार्यवाही ही मानी जा रही
है. ऋषि मंडल की मौत से सारा परिवार जहाँ सदमे में हैं वहीँ इस बात का भी डर है कि
सूबे में सरकार की गलत नीति के कारण और भी अधिकारियों की मौत न हो.
उच्चाधिकारियों के कारण सदमे से मार्केटिंग ऑफिसर की हुई मौत
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
April 04, 2013
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