(27 जनवरी 2013)
गाँव की एक कम-पढ़ी लिखी लड़की पुतुल को भी ये पता था
कि उसके साथ दुष्कर्म होने से उसकी दुनियां उजड़ जायेगी. अभूतपूर्व हौसले का परिचय
देते हुए उदाकिशुनगंज थाना के कुस्थनी गाँव की पुतुल ने उस रात को काली होने से बचा
लिया. उस 09 जनवरी की रात को याद करते पुतुल आज भी सिहर जाती है. पर पुतुल के उस
रात के हौसले ने समाज को एक नई दिशा दी है. दुष्कर्म का प्रयास करने आये गाँव के
ही पवन कुमार को गंडासे के प्रहार से पुतुल ने भागने को विवश कर दिया. आज पवन जहाँ
जेल काट रहा है वहीं कल गणतंत्र दिवस के अवसर पर मधेपुरा के पुलिस अधीक्षक सौरभ
कुमार शाह ने पुतुल को प्रशस्ति पत्र और प्रोत्साहन राशि देकर सम्मानित किया.
उत्साहित पुलिस अधीक्षक का मानना है कि इस लड़की की बहादुरी पर इसे सम्मानित करने
से लड़कियों ने अपनी सुरक्षा और गलत व्यवहार पर कड़े प्रतिरोध की भावना का विकास
होगा. उधर जिले के सबसे बड़े पुलिस अधिकारी से सम्मान पाकर पुतुल फूले नहीं समा रही है.
जाहिर सी
बात है यदि समाज की सभी लड़कियां पुतुल बन जाएँ तो यौन-अपराध में कमी आने की सम्भावना
तो बनती ही है.
पुतुल के साथ हुए उस घटना की पूरी कहानी पढ़ने के लिए
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दुष्कर्मी को गंडासे से काटने वाली लड़की को एसपी ने किया पुरस्कृत
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
January 27, 2013
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