(24 जनवरी 2013)
मधेपुरा जिला एक बार फिर से ठंढ और कोहरे की चपेट
में आ गया है. कल से मौसम के बिगड़े मिजाज ने आम जन-जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया
है. लोग घरों में दुबके नजर आ रहे हैं. पर पापी पेट का सवाल है रोजमर्रा के उपयोग
के सामानों की खरीद करने उन्हें फिर भी बाहर निकलना पड़ रहा है. स्कूली बच्चे ठंढ
में ठिठुरते स्कूल जाने को विवश हैं. कारण है दो दिनों में गणतंत्र दिवस का उत्सव
होना जिसकी तैयारी स्कूलों में कराई जा रही है.
सड़कों
पर सामने कुछ दूरी के बाद कुछ दिखाई देना मुश्किल है. मौसम दोपहर बाद ही थोड़ा साफ़
होता है. पर बहती ठंढी हवा से मुश्किलें आसान होती नजर नहीं आ रही है. हजरत
मुहम्मद साहब का जन्मदिन होने के कारण आज बिहार सरकार के कार्यालयों में ताला लटका
दिख सकता है. ऐसे में प्रशासन की ओर से भी कोई व्यवस्था होने की उम्मीद नहीं है.
ऐसे में यहाँ डा० राम लखन सिंह यादव की कविता की पंक्तियाँ सटीक बैठती है कि-
फिर शीत-लहर आई/दांत किटकिटाने लगा,
कम्बल ना रजाई/मौत का डर सताने लगा.
(वि० सं०)
कोहरे में डूबा मधेपुरा: जन-जीवन अस्त व्यस्त
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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January 24, 2013
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