वो दुश्मन है
..इस देश से गद्दारी करता है ..|
कभी मुंबई ..कभी
दिल्ली ...
कभी असम..कभी बंगलौर ..
कभी असम..कभी बंगलौर ..
"भागो यहाँ
से "
ये फरमान वो जारी करता है |
ये फरमान वो जारी करता है |
फूटपाथ पर सोके
जिसने उसके महल बनाए ..
हम समझते हैं खूब
ये सियासत का चलन ...
क्यों वो
"ठाकरे" सरेआम रंगदारी करता है |
इंसाफ की तलाश
में हम जाएँ कहाँ अब ...
ये सारा तंत्र
दौलत वालों की तरफदारी करता है |
आज लगता है कि
"हमारा भारत" कही खो सा गया है ..
कोई मराठी ...कोई
बंगाली...तो कोई बिहारी करता है ||||
--रचना भारतीय, मधेपुरा.
ठाकरे सरे आम रंगदारी करता है.///रचना भारतीय
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 09, 2012
Rating:

Well said, Rachna. . .
ReplyDeleteNice...
ReplyDeletesahi kaha apne , rachna ji, hamara bharat ek nahi rah gaya,ham sabhi kanch ke tudkde ki tarah bikhar gaye hai,
ReplyDeleteachha h ...likhna kamalki imagination aur society ke prati apki samvedna ko show karta h...hmare samaj me es tarah achhi soch aur immagination wale yuva h gajab...thnks rachna
ReplyDelete