संजय कुमार /10 सितम्बर 2012
वैसे तो जिले के लगभग सभी सरकारी अस्पतालों की स्थिति
खस्ताहाल है, पर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मुरलीगंज की बात ही कुछ अलग
है.मधेपुरा टाइम्स टीम ने जब पिछले शनिवार को इस अस्पताल का दौरा किया तो यहाँ
मरीज परेशान और कर्मचारी आराम फरमाते दिखे.मरीजों के पास जहाँ कर्मचारी या डॉक्टर
नदारद थे, वहीं डॉक्टर्स ड्यूटी रूम भी बंद था.ओपीडी में ड्यूटी में लगाया कर्मचारी
चैन की नींद सो रहा था और उसके नींद की गहराई कुम्भकर्ण की याद दिला रहा था.बगल
में एक्स-रे कक्ष का पर्दा गिरा हुआ था.पर्दा हटाने पर अंदर का राज समझ में आ
गया.यहाँ मौजूद कर्मचारी भी कुंभकर्ण परिवार के सदस्य जैसा ही था.खर्राटे की आवाज
पूरे कक्ष में गूँज रही थी.
कर्मचारियों के सोने का ढंग बता रहा था कि इन्हें ड्यूटी के समय में सोने
से रोकने वाला शायद कोई नहीं है.कुल मिलाकर ये समझा जा सकता है कि जिले के
अस्पतालों में जल्द कोई सुधार होने की गुंजायश नहीं है.
नींद लेनी है? आइये कुंभकर्णों के अस्पताल में आपका स्वागत है!
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 10, 2012
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