
पर एक सवाल कई लोगों के जेहन में उभरता है कि क्या एक लड़का और एक लड़की सिर्फ दोस्त बनकर रह सकते हैं? या फिर यहाँ दोस्ती से शुरू हुआ सम्बन्ध एक निर्धारित सीमा को लांघ जाएगा? यानी क्या एक लड़का और एक लड़की की दोस्ती प्यार में बदल जा सकती है? हमने इस सवाल का जवाब मधेपुरा टाइम्स के पाठकों से जानना चाहा.
चेन्नई में इंजीनियरिंग की पढाई कर रहे अमनदीप कुमार कहते हैं कि “दोस्ती और प्यार में कोई फर्क नहीं है.जहाँ प्यार नहीं वहाँ दोस्ती की कल्पना कैसे की जा सकती है?” वहीं देहरादून में रहने वाले विधान कुमार का मानना है कि "दोस्ती जिंदगी बना देती है,दोस्ती दुश्मन बना देती है, दोस्ती जान ले लेती है..सीमा से बाहर सबकुछ बेकार होता है."
पटना में रह रहे विश्वास राज सोनी कहते हैं कि "जिंदगी में हमें सही रास्ता दिखाने वाले दोस्त ही होते हैं.कुछ मामलों में दोस्ती जिंदगी बर्बाद भी कर देती है.और जबतक दोस्ती नहीं होगी तब
तक प्यार नहीं होगा.यानी प्यार के लिए दोस्ती जरूरी है."पर गंगौरा युवा शक्ति इससे अपनी असहमति जताते हुए कहते हैं कि "अधिकाँश लड़के लड़कियों के प्रति ज्यादा आकर्षित हो जाते हैं और इसी वजह से लड़के और लड़की की दोस्ती प्यार में बदल जाती है".कुछ इसी तरह की बात अमन कुमार भी करते हैं.कहते हैं कि "ये सच है कि लड़के और लड़कियोँ के बीच की दोस्ती अधिकाँश जगहोँ पर प्यार मेँ बदल जाती है.

पर इसका ये मतलब बिल्कुल नहीँ है कि एक लड़का और एक लड़की "केवल" अच्छे दोस्त बनकर नहीँ रह सकते."
जो भी हो, एक बात और भी सच है कि बड़े शहर तो दूर मधेपुरा जैसे कस्बाई शहर में भी दोस्ती की आड़ में कई लड़के-लड़कियों का सम्बन्ध बहुत आगे निकल जाता है.पर हाँ, दोस्ती में यदि दोनों की सोच सकारात्मक हो और दोनों सीमाओं की कद्र करें तो एक लड़का और लड़की दोस्त बनकर रह ही सकते हैं.
(मधेपुरा टाइम्स ब्यूरो)
क्या एक लड़का और लड़की सिर्फ दोस्त बनकर रह सकते हैं??
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 05, 2012
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