जैसी जनता ,
वैसा नेता ..........
जनतंत्र का बैंड
बजा .....|
चोर-पुलिस का है
गठबंधन.......
किसको कैसे मिले
सजा...|
ऐय्यासी ,
भ्रष्टाचारी .........
गुंडागर्दी ,अपराधगिरी...|
नेता के आभूषण
हैं ये.........
जनता भी कुछ कम
नही ...|
पैसों की तो बात
छोड़ दो......
ये दारू पे बिकते
हैं........|
के सहयोगी बनते
हैं .......|
तानाशाही नही है
ये ......
जनता की चुनी
सरकार है ...|
इसीलिए इस बदहाली
की .....
जनता ही
जिम्मेदार है .........|
लूट -खसोट कर
कमाए धन को ...
जब समाज में
सम्मान मिले .......|
गुमनामियों के
अंधेरों में ...........
भटकता जब ईमान
मिले ...........|
तो भला दूर होगा
कैसे ..........
इस देश से
भ्रष्टाचार .............????
कैसे बचेगा
लोकतंत्र ..............
कैसे बनेगी
स्वच्छ सरकार ???????
--रचना भारतीय,
मधेपुरा
जनतंत्र का बैंड बजा..///रचना भारतीय
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 26, 2012
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Bilkul sahi kaha hai aapne. .
ReplyDeleteJaane kab 'sab' sahi aur galat ke fark ko samjhenge. .aur jaati, dharm se uthkar suyogya aur sahi neta chunenge. . .
लूट -खसोट कर कमाए धन को ...
ReplyDeleteजब समाज में सम्मान मिले .......|
गुमनामियों के अंधेरों में ...........
भटकता जब ईमान मिले ...........|
तो भला दूर होगा कैसे ..........
इस देश से भ्रष्टाचार .............????
कैसे बचेगा लोकतंत्र ..............
कैसे बनेगी स्वच्छ सरकार ???????
kya mast bat kah dali aapne,,,,,,,,,,,