शराब पीकर गाड़ी चलाना मना है,ऐसा निर्देश भले ही परिवहन विभाग के द्वारा दिया जाता हो,पर कोई ये तो बताये कि शराब पीकर आखिर कौन सा काम करें.कदम-कदम पर शाराब की दुकानें हैं,मन तो ललचेगा ही.वैसे भी सरकार को इससे बड़ी राजस्व की प्राप्ति होती है जो सूबे के विकास में लगाया जाता है,तो क्यों न हम शराब पीकर सूबे के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें.
शायद इसी सोच के साथ पंचगछिया के दिलीप सिंह मधेपुरा से गुजर रहे थे कि न्यायालय के पास उनकी मोटरसायकिल लड़खड़ा गयी और वहाँ एक बड़ी जोर की आवाज हुई.भयानक रूप से दुर्घटनाग्रस्त हो गए दिलीप बाबू.गिरे तो फिर जख्मों का होश कहाँ.आस पास के लोग दौड़ कर उठाने गए तो देखा पूरे बदन में गहरी चोट थी.लोगों ने समझा शायद या तो वाहन चालक बेहोश है या फिर स्वर्ग सिधार गए हैं.पर पास जाकर पता चला ये नीतीश सरकार के राजस्व को बढ़ा कर सूबे का विकास करने के चक्कर में दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं.यानी नशे में गाड़ी चलाने के कारण ये दुर्घटना हुई.मौके पर तत्काल पुलिस जीप पहुंची और उन्हें ले गए अस्पताल.
नशे में चला रहे थे गाड़ी,स्वर्ग सिधारने की आ गयी थी बारी
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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July 17, 2012
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