यही हाल लगभग चार दिनों से बीएसएनएल की है. ‘भाई साहब नहीं लगेगा’ की तर्ज पर लगता है बीएसएनएल की सेवा चरमरा कर टूट ही गयी है.एक तो कहीं फोन लगता नहीं है और यदि लगता भी है तो आवाज ही नहीं सुनाई देती है. सबसे हैरत की बात तो यह है कि बात हुई भी नहीं और पैसे भी कट गए.स्टेट बैंक रोड में सायबर कैफे चलाने वाले अमरदीप तो यहाँ तक कहते हैं कि ये बीएसएनएल वालों की साजिश भी हो सकती है.इस तरह के गोरखधंधे से बीएसएनएल अरबों की नाजायज आमदनी कर लेगी.कस्टमर का क्या क्या है,वे तो ‘कष्ट’ से ‘मर’ ही रहे हैं.कुल मिलाकर हालात ये हैं कि मधेपुरा इन दिनों ‘टूअर’ ही तरह हो चला है जिसका कोई माय-बाप नहीं है.
‘टूअर’ हुआ मधेपुरा: चरमराई मोबाइल और बिजली की सेवाएं
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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June 13, 2012
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ab toh jaga ho Mahadev ke tarah, jaga ho Nitish bolna hoga ... Tabhi light ayegi.. ;)
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