रूद्र ना० यादव/14 जून 2012
मनरेगा योजना में लूट में लूट का मामला हो रहा है उजागर.मनरेगा योजना की जांच के लिए कमिटी बनाकर जिले के उच्चाधिकारी मनरेगा के अधिकारी से करते हैं मोटी रकम वसूली.जब जब नए डीएम आते हैं तबतब बनती है नयी जांच कमिटी.पर नहीं होती कार्यवाही और न ही आती है कोई जांच रिपोर्ट और ये रिपोर्ट रास्ते में ही गुम हो जाता है.बता दें कि कुछ माह पहले जब मधेपुरा के वर्तमान एडीएम अजय कुमार प्रभारी डीएम बने थे तब भी मनरेगा योजना की जांच के लिए कमिटी बनाई थी,पर जांच के नाम पर वसूली करके चुप हो गए और कोई जांच रिपोर्ट सामने नहीं आई.फिर जब तत्कालीन डीएम मिनहाज आलम आये तो दुबारा जांच कमिटी बनी पर तब भी कोई जांच रिपोर्ट नहीं आई.अंदर ही अंदर सारा खेल खलास हो गया.अब जब वर्तमान डीएम उपेन्द्र कुमार आये हैं तो फिर जांच कमिटी बनाई गयी है. इससे साफ़ जाहिर होता है कि इस तरह की कमिटी सिर्फ वसूली के लिए बनाई जाती है.स्थानीय लोगों का कहना है कि मनरेगा राशि की लूट चहुँओर हो रही है.जैसे तैसे कार्य को दिखाकर राशि निकाली जा रही है.
इस बाबत जब मनरेगा के डीडीसी श्रवण कुमार पंसारी से पूछा गया तो वे वसूली की बात को नकार गए.और जब उनसे ये कहा गया कि मनरेगा के अधिकारी ही दबे जुबान से तीन-तीन लाख रूपये देने की बात कह रहे हैं तो डीडीसी साहब आग-बबूला हो गए और सवाल को ही गलत बता दिया.
मनरेगा में लूट को रोकने में विफल उच्चाधिकारी अब खुद मनरेगा अधिकारियों से वसूली करने में जुट गए हैं.ऐसे में इस योजना का भगवान ही मालिक है.ऐसे में शायद जांच कमिटी के ऊपर भी एक जांच कमिटी बिठाने की आवश्यकता है ताकि ऐसे जांच कमिटी का सच सामने आसके.
खुलासा: मनरेगा में सरकारी अधिकारी भी भिड़े लूट में
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
June 14, 2012
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vikas aur kalyan ke nam ki loot hai ,loot sake toh loot.
ReplyDeletekarmchari aur jan pratinidhi sab mil ke loot ..
Mili hui hai sabki khuli choot..
garib, garib reh jayega aur tax payer bechara kya ukhar payega.