अब जोश दें अल्फाज को ...//रचना भारतीय

कोई सत्ता रोक सकी कब , 
जनता की आवाज को ?
जनशक्ति तो हिला देती है, 
सारे तख़्त-ओ-ताज को |

यकीं न आए तो देख लो ,
"अरब क्रांति" की एक नजीर ,
जिसने पलट दिया बरसों के 
तानाशाही राज को |

संसद में होती क्या नौटंकी , 
पता नही है किसे यहाँ ?
पर सच बोलो तो बात बुरी 
लग गाएगी सरताज को |

चाहे सजा दो "अन्ना" को 
या चाहे "केजरीवाल" को,
रोक नही पाओगे  ..
जनसंघर्ष  के आगाज को |

मूकदर्शक बनके हम 
कबतक रहेंगे यूँ खड़े ........?
हौसले करके बुलंद अब 
जोश दें अल्फाज को ....|


--रचना भारतीय, मधेपुरा.
अब जोश दें अल्फाज को ...//रचना भारतीय अब जोश दें अल्फाज को ...//रचना भारतीय Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on April 01, 2012 Rating: 5

3 comments:

  1. wow.....hats off to u .... :) keep it up... :)

    ReplyDelete
  2. wow... hats off to you... nice quotes....keep it up :D

    ReplyDelete
  3. मूकदर्शक बनके हम
    कबतक रहेंगे यूँ खड़े .....nice

    ReplyDelete

Powered by Blogger.