कोई सत्ता रोक
सकी कब ,
जनता की आवाज को ?
जनता की आवाज को ?
जनशक्ति तो हिला
देती है,
सारे तख़्त-ओ-ताज को |
सारे तख़्त-ओ-ताज को |
यकीं न आए तो देख
लो ,
"अरब क्रांति" की एक नजीर ,
"अरब क्रांति" की एक नजीर ,
जिसने पलट दिया
बरसों के
तानाशाही राज को |
तानाशाही राज को |
संसद में होती
क्या नौटंकी ,
पता नही है किसे यहाँ ?
पता नही है किसे यहाँ ?
पर सच बोलो तो
बात बुरी
लग गाएगी सरताज को |
लग गाएगी सरताज को |
चाहे सजा दो
"अन्ना" को
या चाहे "केजरीवाल" को,
या चाहे "केजरीवाल" को,
रोक नही पाओगे
..
जनसंघर्ष के आगाज को |
जनसंघर्ष के आगाज को |
मूकदर्शक बनके हम
कबतक रहेंगे यूँ खड़े ........?
कबतक रहेंगे यूँ खड़े ........?
हौसले करके बुलंद
अब
जोश दें अल्फाज को ....|
जोश दें अल्फाज को ....|
--रचना भारतीय, मधेपुरा.
अब जोश दें अल्फाज को ...//रचना भारतीय
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
April 01, 2012
Rating:

wow.....hats off to u .... :) keep it up... :)
ReplyDeletewow... hats off to you... nice quotes....keep it up :D
ReplyDeleteमूकदर्शक बनके हम
ReplyDeleteकबतक रहेंगे यूँ खड़े .....nice