वयोवृद्ध ९५ वर्षीय प्रखर समाजवादी नेता रामानंद प्रसाद मंडल उर्फ झल्लू बाबू अब हमारे बीच नहीं रहे.झल्लू बाबू को सदाबहार व्यक्तित्व का इंसान माना जाता था.वे सच्ची बात किसी को भी कहने से नहीं चूकते थे.झल्लू बाबू को मधेपुरा में नारी शिक्षा का अग्रदूत माना जाता था.मधेपुरा में केशव कन्या इंटर स्तरीय उच्च विद्यालय उन्हीं की देन हैं.मधेपुरा में विश्वविद्यालय की स्थापना की बात जब वे दो
दशक पूर्व किया करते थे तो लोग उनकी बात को तवज्जो नहीं देते थे,लेकिन उनका ये सपना सच निकला और आज मधेपुरा में विश्वविद्यालय स्थापित है.बता दें कि झल्लू बाबू महात्मा गांधी के साथ नमक सत्याग्रह आंदोलन में भी सक्रिय रूप से जुड़े थे.झल्लू बाबू के इस तरह के सैंकड़ों सामाजिक और राजनैतिक कार्यों का इतिहास है.बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से एलएलबी किये हुए झल्लू बाबू के गत रात हुए निधन की खबर सुनते ही मधेपुरा में शोक की लहर फ़ैल गयी है.निधन की खबर सुन जिलाधिकारी मिन्हाज आलम के अलावे अन्य अधिकारियों और प्रबुद्द जनों का उनके आवास पर तांता लगा हुआ है.
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| अंतिम बार लोगों को देखते झल्लू बाबू |
कल बिहार स्थापना दिवस के मौके पर जिला प्रशासन द्वारा झल्लू बाबू को शॉल भेंट कर मंच पर डीएम और एसपी के द्वारा सम्मानित भी किया गया था और इस मौके पर झल्लू बाबू ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा था कि विकास के मुद्दे पर जाति और राजनीति से ऊपर उठकर कार्य करें नहीं तो सिंघेश्वर बाबा किसी को माफ नहीं करेंगे.मधेपुरा टाइम्स ने कल झल्लू बाबू द्वारा दिए पूरे भाषण को रिकॉर्ड किया, जो हम अपने पाठकों को समर्पित कर रहे हैं.
मधेपुरा टाइम्स परिवार उनकी आत्मा की शान्ति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करती है.
झल्लू बाबू का अंतिम भाषण सुनने के लिए यहाँ क्लिक करें.
सदाबहार झल्लू बाबू नहीं रहे,सुनें उनका अंतिम भाषण
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
March 23, 2012
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March 23, 2012
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