वि०सं०/१० जनवरी २०१२
प्रशासन द्वारा जारी नोटिस के बाद मधेपुरा मुख्यमार्ग के बगल में वर्षों से ठेला या फुटपाथ पर दुकान लगाये दुकानदारों को अब अपना साम्राज्य बिखरने की पूरे आशंका लगने लगी है. छठ से पहले जब प्रशासन ने इन अतिक्रमणकारी दुकानदारों को हटाना चाहा था तो इन्होनें ये दलील दी थी कि उन्हें पूर्व में नोटिस दिए बगैर हटाया जा रहा है, साथ ही इन्हें दूसरी जगह बसने दी जाय.पर इस बार जब प्रशासन ने नोटिस दी तो अब इन ठेला वाले और फुटपाथ दुकानदार दूसरा बहाना खोज रहे हैं.प्रशासन ने मुख्य मार्ग से ही सटे जिला परिषद की जमीन भी इन्हें मुहैया करा दी है,फिर भी ये यहाँ से हटना नहीं चाह रहे हैं.
अतिक्रमणकारी ठेला-फुटपाथ दुकानदार अब प्रदर्शन कर प्रशासन को डराने में लगे हुए दिखते हैं.कल इन्होने मुख्य मार्ग पर कुछ देर अपना प्रदर्शन किया और आज ये समाहरणालय के सामने भाषणबाजी कर रहे थे.इनकी दलील थी कि वे बहुत सालों से इसी तरह दूकान लगाते रहे हैं,और लोगों को भी इससे सुविधा ही होती है.ये बड़े दुकानदारों का षड्यंत्र है जिसमें प्रशासन को मोहरा बनाया जा रहा है.
मधेपुरा बाजार की दयनीय स्थिति को देखकर प्रशासन ने जनसहयोग से ‘नो एंट्री’ के बैरियर भले लगा दिए हों,पर मुश्किलें अभी भी बाक़ी है.अतिक्रमण का शिकार हुए मधेपुरा मुख्य मार्ग में लोगों की परेशानियां हमेशा से बनी रही है.आये दिन मुख्य मार्ग में जाम हो जाना सामान्य सी बात है.ऐसे में जब इन्हें अलग जगह भी दिला दी गयी है तो अब इनके धरना-प्रदर्शन का कोई औचित्य नजर नही आ रहा है.अब देखना है कि प्रशासन कब तक इन्हें यहाँ से हटा कर आमलोगों को राहत पहुंचाने का काम करती है.
ठेला-फुटपाथ दुकानदारों का बेसिरपैर प्रदर्शन
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
January 10, 2012
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