जाड़े से जनवरी भरी
दिन छोटा और रात बडी
फूल लिये फरवरी खडी
तेज हुई सूरज की टॉर्च
पकी फसल से चमका मार्च
गाँव गली तपते खपरैल
आग लगता है अप्रैल
ले धूळ पसीना रे
आया मई महिना रे
तेज बड़े लू के नाखून
जान बचाओ आया जून
बर्षा लेकर आई है
नाचे मयुर होकर मस्त
आया झूले लेकर अगस्त
इन्द्रधनुष है अंबर में
मौसम मुदित सितम्बर में
बोते फसल खेतों में
अक्तूबर के महीने में
देखो लागे कांपने बंदर
आया ठिठुरन लिये नवंबर
धूप लागे अब तो सुंदर
खतम साल लो आया दिसंबर ................
--XMB बबलू, माँ गीतांजली स्टूडियो, मेन रोड मधेपुरा
साल का हाल .....
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
December 24, 2011
Rating:
बेहतरीन अभिवयक्ति.....
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