अपराधियों का ऐशगाह है सुपौल का मंडल कारा

पंकज भारतीय/०५ दिसंबर २०११
अपराध की दुनियां में आपने अगर अपनी पहचान स्थापित कर लिया है या पुलिस के लिए आप चुनौती बन चुके हैं तो यकीन मानिए कि मंडल कारा से बेहतर महफूज जगह आप जैसे अपराधियों के लिए कोई नहीं हो सकती है.अपराधियों द्वारा जेल के लिए ससुराल शब्द की उपमा पूरी तरह तर्क की कसौटी पर खड़ा उतरता है.क्योंकि यहाँ लगभग वह सारी सुविधाएँ उपलब्ध है जो आपको सुकून भरी जिंदगी दे सकता है.
       मंडल कारा में टू स्टार सुविधा उपलब्ध है, इस बात का खुलासा रविवार की अहले सुबह जिला प्रशासन द्वारा जेल में की गयी छापेमारी से स्पष्ट हो चुका है.डीएम एवं एसपी के नेतृत्व में यह छापेमारी हुई.छापेमारी में जब्त सामान इस बात का गवाह है कि यहाँ नियम कायदे की खुल कर धज्जियां उडाई जा रही है.जिला प्रशासन साल में एकाध बार छापेमारी कर निश्चिन्त हो जाती है.यह अलग बात है कि इसे रूटीन कही जाती है.
      छापेमारी में ३३ हजार रूपये नगद बरामद हुए.जेल में किसी आदमी को सैलरी तो मिलती नहीं है.ऐसे में सवाल उठता है कि ये पैसे कहाँ से आये और किस उद्येश्य से आये?जवाब यह है कि इस मंडल कारा में क्षमता से लगभग ढाई गुना कैदी रह रहे हैं.ऐसे में सोने-खाने और रहने के लिए भी कीमत अदा करनी पड़ती है.ये रूपये सुविधा शुल्क के रूप में दबग कैदियों को निरीह कैदी अदा करते हैं.
लो कर लो बात: मंडल कारा में जी भर कर बातें करने की आजादी उपलब्ध है.बाकायदा मिनी मोबाइल बूथ यहाँ संचालित है.दबंगों का अपना मोबाइल सेट होता है जी निरीह विशेष शुल्क अदा कर अपने परिजनों से हाल-ए-बयां कर सकते हैं.स्थापित अपराधी अपने शागिर्दों को यहाँ से बैठे-बैठे ही दिशानिर्देश देते हैं.जाहिर है सुरक्षित रहकर अपराध के धंधे से कमीशन प्राप्त करने का जरिया मोबाइल यहाँ बना हुआ है.यही वजह है कि छापेमारी में कुल २२ मोबाइल और पांच सिम बरामद हुए हैं.जानकार बताते हैं कि जब तक डीएम और एसपी साहब गेट का ताला खुलवाते तब तक कई सिम और मोबाइल एवं नशीले पदार्थों को ठिकाना लगाया जा चुका था.
 दम मारो दम: छापेमारी में मोटे प्लास्टिक की चार बंडल रस्सी एवं छुरी का मिलना जिला प्रशासन के लिए चिंता का सबब बना हुआ है.वह इसलिए कि यहाँ से पूर्व में तीन बंदी दीवाल कूदकर एवं दो कैदी बम विस्फोट कर जेल से फरार हो चुका है.इसके अलावा नशीले पदार्थों की बरामदगी भी जेल की प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हैं.यह हर कोई जानता है कि गम को कम करने के लिए यहाँ विभिन्न प्रकार के नशीले पदार्थ उचित मूल्य पर उपलब्ध हैं.
 खाओ जी भर के: मंडल कारा में पसंदीदा और लजीज भोजन भी उपलब्ध है.छापेमारी में २५ केरोसिन स्टोव बरामद हुए हैं.दरअसल यहाँ सरकारी भोजन के अलावा समानांतर रसोई में खास लोगों के लिए अलग से भोजन पकता है. दबंग कैदियों द्वारा संचालित इस मेस में निर्धारित शुल्क अदा कर कोई भी कैदी शामिल हो सकता है.
     लजीज भोजन की चाहत रखने वाले फक्कड़ किस्म के कैदी इसके रसोईये होते हैं.स्पष्ट है कि आपकी आर्थिक हैसियत के आधार पर मंडल कारा में सभी प्रकार की विशिष्ट सुविधाएँ उपलब्ध है.
अपराधियों का ऐशगाह है सुपौल का मंडल कारा अपराधियों का ऐशगाह है सुपौल का मंडल कारा Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on December 05, 2011 Rating: 5

1 comment:

  1. VERY GOOD,KEEP IT UP DEAR DAUGHTER PAYAL...MAY GOD BLESS U & MAKE REACH ON THE TOP OF TENNIS WORLD....

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