राकेश सिंह/१५ नवंबर २०११
अपने आप में ये एक बड़ा आश्चर्य है और शर्मनाक भी, पर एक बड़ा सच भी.जिले और जिले से बाहर भी गोशाला समिति मधेपुरा की सैंकडों बीघा जमीन का अतिक्रमण दबंगों द्वारा कर लिया गया है.गोशाला समिति के ही सदस्यों से मिली जानकारी के अनुसार मधेपुरा गोशाला समिति के पास लिखित में तो २८७ बीघा जमीन है,जिसमे से प्रमुख रूप से ६७ बीघा मधेपुरा के बालम में, ८७ बीघा बुधमा में, १२.५ बीघा मधेपुरा जिला मुख्यालय में तथा सुपौल के जडिया में ४७ बीघा, गनपतगंज में एक बीघा, बसंतपुर में २१ बीघा जमीन है.बताया जाता है कि देखरेख का अभाव तथा प्रशासनिक लापरवाही के कारण मधेपुरा जिला मुख्यालय तथा बालम की जमीन छोड़कर बाक़ी सारी जमीनों पर दबंगों ने कब्ज़ा कर लिया है.वर्तमान स्थिति तो इतनी बुरी है कि इन अतिक्रमित जमीनों की सीमाओं को ठीक से पहचान करने वाला कोई नहीं है.
मालूम को कि गोशाला समिति के अध्यक्ष मधेपुरा के सदर एसडीओ हैं और अतिक्रमण हटाने के अधिकारी भी एसडीओ ही होते हैं.ऐसे में इन जमीनों का अतिक्रमण होना प्रशासनिक विफलता को दर्शाता है.पिछले दिनों मधेपुरा के मुख्य बाजार में तो एसडीओ ने अतिक्रमण हटाने से सम्बंधित बर्बरतापूर्ण कार्यवाही बिना नोटिस के ही कर दिया था.पर यहाँ एक बड़ा सवाल यह उठता है कि जब अपनी अध्यक्षता वाली जमीन अतिक्रमण से मुक्त करने में एसडीओ सक्षम नहीं हैं तो गरीब दुकानदारों को जबरन हटाने की कार्यवाही को कहाँ तक उचित कहा जा सकता है?बेहतर हो यदि बाजार के इन दुकानदारों को हटाने से पहले इन्हें कहीं बसा देने की पहल की जाय.
एसडीओ की अध्यक्षता वाली जमीन भी है अतिक्रमण का शिकार
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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November 15, 2011
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