मैथिली सिनेमा का नया अवतार – “मुखिया जी”

मिथिलांचल के इतिहास में एक अभूतपूर्व तथ्य बनने जा रहा हैमैथिली फ़ीचर फ़िल्ममुखिया जी. जी हाँ मिथिलावासियों, संसाधनों का रोना छोड़, सपनों का दामन थाम मिथिला के पुत्रों ने एक ऎसा महान सामाजिक, पारिवारिक, हास्य-व्यंग्य प्रधान फ़िल्म का निर्माण किया है जिसमें आप सिनेमा के सभी रंगों एवं स्वादों का आनंद चट्खारे के साथ तो ले ही सकते हैं, साथ ही घर कुछ ऎसी यादें एवं मैसेज लेकर जा सकते हैं जो आपके समाज एवं परिवार को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है.           निर्माण मोशन पिक्चर्स प्रा० लि० जो मिथिलांचल में शुरू की गयी एक फ़िल्म निर्माण कंपनी है, और जिसके तहत यह फ़िल्म बनी है - के निदेशक हैंराजेश मिश्रा, जो स्नातक हैं व्यवसाय प्रबंधन में. रूपेश मिश्रा जो फ़िल्म के निर्माता हैं, उनका सपना भी मिथिलांचल में रोचक एवं सामाजिक फ़िल्म बनाना है. फ़िल्म के निर्देशक हैंफ़िल्म स्नातक बहुमुखी प्रतिभा के धनीविकास झा.         कसी हुई पटकथा, प्रभावी संवाद, उच्चतम कोटि की एडवांस प्राविधिक से बनी एक उच्चतम दर्जे की फ़िल्म हैमुखिया जी. फ़िल्म को केंद्रीय फ़िल्म प्रमाणन बोर्ड(censor board) ने सभी वर्ग एवं उम्र के लोगों के लिये उप्युक्त मानते हुए (U) यूनिवर्सल सार्टिफ़िकेट से नवाजा है साथ हीसामाजिक(social)” फ़िल्म का दर्जा प्रदान किया है.
      हास्य व्यंग्य के साथ समाज में व्याप्त कुरीति, भ्रष्टाचार, घूसखोरी, प्रौढ़ शिक्षा, साफ़सफ़ाई, स्वास्थ्य, प्रतियोगी भावना, ऎतिहासिक दृष्टिकोण, औद्योगीकरण, सामाजिक विकास एवं अन्य भावनात्मक संदेश इस फ़िल्म के जरिये प्रेषित किया गया है.
  पहली बार 350 कलाकारों का चयन बिहार एवं नेपाल के विभिन्न इलाकों में औडिशन के द्वारा विभिन्न चरणॊं के जरिये किया गया.

    फ़िल्म में मुखिया जी एक चारित्रिक पात्र है, जो राजनीति से कोई वास्ता ना होते हुए भी राजनीतिक वातावरण का निर्माण गाँव के अंदर ही कर नाम को काम का आयाम देते हुए पात्र को वास्तविकता प्रदान करते हैं. मुखिया जी फ़िल्म में इसके पात्र काम से अलग तो हैं ही इनके नाम भी अलग हैंजैसे गर्मी कक्का, फ़िरन, घंटी कक्का, चानन मिसर, चनरौटा मिसर, हवा बौस, सेनुर दाई, टिकली, अगत्ती नारायण, बाबा बिशुन बिलैर, इत्यादी प्रभावी चरित्र नाम के अनुरूप काम भी करते हैं और संवाद भी बोलते हैं. फ़िल्म के नायक सुभाष चन्द्र मिश्रा जहाँ अभिनय में भारत के प्रसिद्ध फ़िल्म स्कूल से प्रशिक्षित हैं. वहीं दिल्ली के रंगमंच पर एक से एक प्रस्तुति करते आये हैं. इससे पहले वे 40 से अधिक लघु फ़िल्मों में बेहतरीन अभिनय के लिये पहचान बनाये हुए हैं. ज्ञात है कि इनकीऔडिशन्स, “डबल-ट्रबल, “अभिवृति, “रूममेट्सजैसी फ़िल्में जयपुर अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म महोत्सव, एवं ग्लासगो फ़िल्म नाईट्स में प्रदर्शित एवं सराही गयी है. उन्होंने फ़िल्म मुखिया जी में भी सशक्त अभिनय का प्रदर्शन किया है. इसके अतिरिक्त मैथिली रंगमंच की दुनिया के प्रसिद्ध कलाकार रामनारायण ठाकुर, विष्णुकांत मिश्रा, परमेश झा, घनश्याम मिश्र, बी० एन० पटेल, ज्ञानी राउत, रोशनी झा, विक्की चौधरी, रामसेवक ठाकुर,
अमृता शर्मा, रंजु झा इत्यादि ने सशक्त अभिनय का प्रदर्शन किया है. इनमें से अधिकांश कलाकार भारत, बांग्लादेश, दोहा-कतार के मैथिली एवं नेपाली रंगमंच एवं फ़िल्मों में सक्रिय एवं प्रसिद्ध हैं.
कुछ रोचक तथ्य:-
1.   इस फ़िल्म का निर्माण राष्ट्रीय फ़िल्म समारोह में नामांकण को भी ध्यान में रखकर किया गया है.
2.         मैथिली फ़िल्म के 6 करोड़ दर्शकों के लिये चरणबद्ध तरीके से तैयार किये गये इस फ़िल्म का गुणस्तर, बाजार व्यवस्थापन एवं प्रचार-प्रसार, दर्शकों के अनुरूप प्राथमिकता देकर किया गया है.
3.         फ़ुल एच० डी० में शूट, फ़िल्म बेहतर दॄश्य प्रदान करती है.
4.         फ़िल्म की शूटिंग मिथिलांचल के वास्तविक मनोरम जगहों पर की गयी है जो पर्दे पर भी वास्तविक दॄश्य का अहसास कराती है.
5.         ग्रामीण परिदृश्य में शूटिंग के बावजूद बिहार के आधुनिक पहचान एवं मिथिलांचल के परिवर्तित परिवेश को बखूबी प्रदर्शित किया गया है.
6.         पहली बार किसी मैथिली फ़िल्म को को 5.1 सराउंड साउंड के साथ देखा जा सकता है.
7.         फ़िल्म में सात गाने हैं. संगीत निर्देशक हैं सुनील-प्रवेश. दिल्ली विश्वविद्यालय से शास्त्रीय संगीत विशारद, प्रवेश मल्लिक प्रसिद्ध जीमा अवार्ड चयनित हैं.
8.         गानों में प्रचलित परंपराओं एवं पदार्थों के व्यवसायीकरण से संबंधित पान की मह्त्ता एवं गुणगाण का गाना, मोबाईल पूजा का गाना एवं आरती, कृष्णाष्टमी का भजन, प्रेम प्रसंग का गाना, मुखिया जी के कारनामों का गाना, जीवन में प्रतियोगिता के महत्व का गाना एवं एक विशेष चटपटा गाना संलग्न है.
9.         गीतकार डौक्टर राजेन्द्र विमल नेपाल के प्रतिष्ठितजगदम्बा पुरस्कारसे सम्मानित हैं. अन्य उभरते गीतकार हैंअनिरूद्ध शोम, कन्हैया राय, कमलेश किशोर झा, दिगम्बर झादिनमनि, सुभाष चंद्र मिश्रा, प्रवेश मल्लिक.
10.       गायक दिल्ली के प्रसिद्धसानिध्यबैंड के विभिन्न देशों के बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं जिनमें प्रवेश मल्लिक, नेहा प्रियदर्शनी, ललित कामत, अमरेश मल्लिक, संतोष, मो० फ़हीम, अनिरूद्ध शोम, रमेश मल्लिक, निशांत मल्लिकनिशु, संजय झा हैं.
11.       फ़िल्म का संगीत(vcd cassate) मैथिली की नं० 1 म्यूजिक कंपनी -गंगा कैसेट्स- के द्वारा रिलीज किया गया है.
12.       फ़िल्म में ध्वनि प्रभाव और दृश्य प्रभाव का भरपूर इस्तेमाल किया गया है. ध्वनि संपादन किया हैदीप तुलाधर- ने जबकि हैरतअंगेज दृश्य प्रभाव  को अंजाम दिया है आशीष मिश्रा ने.
13.       पार्श्व संगीत में, पारम्परिक गीतों का अत्याधुनिक धुनों के साथ समागम एक अलग मंजर प्रदान करता है.
14.       फ़िल्म का संकलन किया है मुकुल मिश्र ने जो कि मल्टीमीडिया स्नातक हैं और दिल्ली के प्रसिद्ध प्रोडक्शन हाउसेस के साथ कार्य कर रहे हैं.
15.       फ़िल्म के कुछ प्रसिद्ध संवाद हैं
a.   चुनावक बाद लिहं चिन्नी
b.         बाप काटे घास बेटा कालीदास
c.         और किछ नै भेटल आंदोलने करू
d.         आंदोलन सब करै मं बड्ड दोलन कर परै छैमतलब बड्ड खर्च-वर्च,
e.         बेटा पोखरी कात बाप सिमरिया कात
f.          झैड़ झाड़ा फ़िरै आनंदे किछ अलग ऐछ, ओहो अनका खेत मं बैस आहा हा...... इत्यादि.
Some useful links on internet for film info:

IBN LIVE news link about the film- http://ibnlive.in.com/news/mukhiya-jee-first-digital-film-in-maithili/189858-8-74.html 
Mukhiya Ji-Maithili Film
(मधेपुरा टाइम्स ब्यूरो)

मैथिली सिनेमा का नया अवतार – “मुखिया जी” मैथिली सिनेमा का नया अवतार – “मुखिया जी” Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on October 24, 2011 Rating: 5

2 comments:

  1. अच्छा प्रयास है. शुभकामनाएँ!!!

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  2. I really appreciate Madhepura times for their work. You are bringing entirely different and optimistic news with genuinity which is helping to feel and build a better society.

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