मुरलीगंज का बलुआहा नदी प्रखंड के कुछ गाँवों के लिए अब अभिशाप बनती दिख रही है.ये नदी अब रामपुर पंचायत के कम से कम तीन गाँव रामपुर,गोढ़ीयारी और बिशनपुर के लिए बड़ा खतरा बन चुकी है.इस नदी ने अपना कटाव तो करीब दो साल पहले ही शुरू कर दिया था,पर अब जब इस नदी ने काटते-काटते गाँव को काटना शुरू कर दिया तब जाकर प्रशासन की नींद खुली.पर प्रशासन ने जिस गति और मात्रा में कटाव निरोधक कार्य शुरू किया है वो नाकाफी है.हालांकि प्रशासन को देख कर यहाँ के लोगों में कुछ तो उम्मीद जरूर जगी है.कटाव निरोधक कार्य करवा रहे कनीय अभियंता का कहना है कि गाँव को बचाने का प्रयास किया जा रहा है.कनीय अभियंता के शब्द यह संदेह तो जरूर पैदा करता है कि इन गाँवों को बचाना बहुत आसान नहीं होगा.दरअसल पिछले रिकॉर्ड को देखकर यहाँ संदेह की स्थिति तो उत्पन्न होती ही है.अधिकारियों और ठेकेदारों के द्वारा करोड़ों के खेल फिर से यहाँ भी खेल लिए जायेंगे और नतीजा कहीं ढाक के तीन पात न हो जाय.
बात साफ़ है,यदि सरकार इन गाँव को सचमुच बचाना चाहती है तो यहाँ बलुआहा नदी की धारा को मोड़ना होगा यानी कि पायलट चैनल का निर्माण यहाँ आवश्यक प्रतीत होता है.वर्ना करोड़ों रूपये तो बहेंगे ही और गाँव भी नहीं बच पायेगा.
बलुआहा नदी का कहर:तीन गाँव को ले रही आगोश में
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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September 02, 2011
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