संवाददाता/२८ सितम्बर २०११
मधेपुरा जिला अधिवक्ता संघ ने अपने ही कुछ सदस्यों को ‘वित्त रहित अधिवक्ता’ बना दिया है.प्राप्त जानकारी के अनुसार मधेपुरा में करीब दस से ज्यादा ऐसे अधिवक्ता हैं जो विभिन्न सरकारी सेवाओं से रिटायर होने के बाद इस प्रोफेशन में आये हैं.अधिवक्ता के रूप में एनरोलमेंट करने के समय इन्होने भी अन्य की तरह सारे फीस जमा किये और अब निर्धारित वार्षिक शुल्क भी जमा करते हैं.पर वर्तमान संघ प्रशासन ने इन्हें अन्य अधिवक्ताओं को मिलने वाली आर्थिक सुविधा न देने का फैसला लिया है.मालूम हो कि अधिवक्ताओं को संघ की ओर से बीमा के अलावे कुछ आर्थिक सहायता भी दी जाती है.हाल में भी मधेपुरा में नामांकित
अधिवक्ताओं को १५०० रू० नकद के रूप में आथिक सहायता दी गयी. पर नौकरी से रिटायर्ड इन अधिवक्ताओं को किसी तरह के अधिवक्ताओं वाला लाभ न मिलने से ये दर्जन भर अधिवक्ता अपने को अलग-थलग महसूस कर रहे हैं.कुल मिलाकर स्थिति ये है कि ये अधिवक्ता ‘वित्त रहित अधिवक्ता’ बन चुके हैं.
अधिवक्ताओं को १५०० रू० नकद के रूप में आथिक सहायता दी गयी. पर नौकरी से रिटायर्ड इन अधिवक्ताओं को किसी तरह के अधिवक्ताओं वाला लाभ न मिलने से ये दर्जन भर अधिवक्ता अपने को अलग-थलग महसूस कर रहे हैं.कुल मिलाकर स्थिति ये है कि ये अधिवक्ता ‘वित्त रहित अधिवक्ता’ बन चुके हैं.
रिटायर्ड कर्मी अधिवक्ताओं को किया सुविधाओं से वंचित
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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September 28, 2011
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