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पॉकेटमारी का आरोप |
संवाददाता/२७ सितम्बर २०११
कहते हैं सौ चोट सुनार के तो एक चोट लुहार के.और यही बात आज न्यायालय परिसर में रंगे हाथ पकड़े एक पॉकेटमार की हो गयी.फास्ट ट्रैक कोर्ट के बरामदे पर भेलवा गाँव का रामदेव यादव एक केश में अपने पुकार का इन्तजार कर रहा था कि अचानक उसे अपने कुर्ते की जेब में कुछ सुगबुगाहट महसूस हुई.अचानक जब वह मुड़ा तो देखा कि एक बूढ़ा सा आदमी उसकी जेब से रूपये निकाल कर खिसकने के प्रयास में था.रामदेव ने हल्ला किया तो वह भागने लगा.लोगों ने उसे धर दबोचा और फिर क्या था?सभी अपने हाथ उस पॉकेटमार पर आजमाने लगे.लात-घूंसों की बौछार हुई पर बीच में ही पुलिस ने उसे अपने कब्जे में लेकर उसकी जान बचाई.पूछे जाने पर उस व्यक्ति ने अपना नाम शिवनारायण यादव और घर कौशलपुर बताया. यह पूछे जाने पर कि वह न्यायालय क्यों आया वह संतोषप्रद जवाब नहीं दे पाया.आसपास के दुकानदारों का कहना था कि यह काफी पुराना पॉकेटमार है और पुरानी कचहरी से ही लगभग रोज ही न्यायालय में पॉकेटमारी के कृत्य को अंजाम देता रहा है, और पूर्व में भी कई बार पकड़ा गया है.जबकि आरोपित शिवनारायण यादव ने अपने को निर्दोष बताया और कहा कि जमीन पर गिरे रूपये को उसने उठाया था जिस पर लोगों ने उसकी धुनाई कर दी.
पुराने पॉकेटमार की हुई जमकर धुनाई
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 27, 2011
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