राकेश सिंह/१६ सितम्बर २०११
करीब एक पखवारे पहले आपदा मंत्री रेणु कुमारी कुशवाहा ने मधेपुरा-पूर्णियां मार्ग के लाइफ लाइन माने जाने वाले ध्वस्त बलुआहा पुल का जायजा लिया और लोगों के मन में यह कह कर झूठी उम्मीदें जगा दी कि इस डायवर्सन का काम तीन-चार दिनों में कर दिया जाय.बलुआहा में पानी भी दिनोदिन घट रहा है,पर अधिकारियों ने मंत्री साहिबा के आदेश को हवा में उड़ा दिया है.हालत जस के तस हैं और लोग अभी भी कमजोर और टूटे-फूटे पीपा पुल पर से ही गुजरने को विवश हैं.बड़ी सवारी की इस पर गुजरने की तो मनाही है,पर छोटी सवारियों पर भी पुल की कमजोर स्थिति को देखकर खतरा मंडराता नजर आता रहता है.इधर पीपा पुल जहाँ अक्सर जाम का शिकार बना रहता है,वहीं बलुआहा का टूटा डायवर्सन अब लोगों के मछली मारने के काम आने लगा है.अब मछुआरे यहाँ बैठकर दिनभर मछली मारते नजर आते हैं. यहाँ सबसे बड़ा सवाल यह है कि मंत्री ने अधिकारियों को आदेश तो दे दिया कि काम जल्द होना चाहिए,पर अधिकारियों द्वारा काम न कराये जाने के पीछे क्या वजह है,ये बताने वाला कोई नहीं है और अब इलाके के आम लोग यही कहते नजर आ रहे हैं कि नेता तो झूठ बोलने में माहिर होते ही हैं,उनकी बात का क्या भरोसा?
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