राकेश सिंह/१३ अगस्त २०११
मधेपुरा के गुदरी बाजार के पल्केश्वरनाथ मंदिर में झूलन के मेले में लोगों की भाड़ी भीड़ उमर पड़ी है.युवा कला परिषद् की ओर से आयोजित यह मेला आज भर चलेगा और कल प्रतिमा का विसर्जन होना है.मुख्य मार्ग पर ही लगने वाले इस मेले में लोगों की भीड़ जो भी हो पर बैलून वालों को छोड़कर सभी वहां पूर्व से मौजूद दुकानें ही शोभा बढ़ा रही हैं.प्रशासन ने दो-चार पुलिस वालों को भी ड्यूटी पर लगा दिया है जो बगल की गली में आराम से कुर्सी तोड़ते हुए नजर आयेंगे.मेला प्रशासन ने मेले को बेहतर बनाने की सोच लेकर जो व्यवस्था की है वो पुरुषों के लिए असुविधापूर्ण है.मंदिर के अंदर इस दौरान सिर्फ महिलायें ही प्रवेश कर सकती हैं और सिर्फ वे ही मूर्तियों के करीब जा सकती हैं.पुरुष भक्तगणों के लिए बगल के पोस्ट ऑफिस रोड से सड़क पर से ही देखने की व्यवस्था है. ऊँचाई और मूर्ति के सामने कुछ दूर घेर देने की वजह से पुरुष मूर्ति को ठीक से देख नहीं पाते हैं.जबकि पूर्व के वर्षों में पुरुषों के लिए भी मूर्ति के करीब तक जाने की व्यवस्था रहा करती थी.
झूलन के शोर में मस्त हैं चोर: गुदरी बाजार के झूलन मेले की सबसे बड़ी त्रासदी यह है कि यहाँ इस दौरान सैंकडों की संख्यां में चप्पल चोरी हो जाया करती है.सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस काम को अगल-बगल के ही कुछ युवाओं की शह पर अंजाम दिया जाता है.बताते हैं कि इस काम के लिए छोटे-छोटे उस्ताद बच्चों को लगाया जाता है जो पलक झपकते ही चप्पल गायब कर देते हैं.इस बार चूंकि मंदिर के अंदर सिर्फ महिलाओं और बच्चे (सिर्फ लड़कियां) ही जा सकती थीं इसलिए चप्पल चोरी का शिकार भी वे ही हो रहीं थी.व्यवस्थापक युवा इस चीज की जिम्मेवारी से भाग रहे थे और उनमे से कुछ वहीं खड़े हुए रहते थे जहाँ से चप्पलें चोरी जाया करती थी.लाउडस्पीकर के शोर में कोई किसी की सुनने वाला नहीं था.
कुल मिलाकर इस झूलन मेले में युवाओं का उत्साह तो देखते बनता था,पर ढीली व्यवस्था ने बहुतों को मायूस ही किया.
झूलन मेले में उमड़ी लोगों की भीड़
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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August 13, 2011
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