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श्रीनगर में हत्या |
रूद्र नारायण यादव/२४ अप्रैल २०११
प्रथम चरण के चुनाव को हम शांतिपूर्ण कह सकते हैं.प्रशासन भी यही कहकर अपनी पीठ थपथपा रहा है.चुनाव के दौरान तो अपराधी घरों में दुबके रहे,पर चुनाव के पूर्व तथा पश्चात हो रहे खूनी खेल क्या निष्पक्ष और भयमुक्त चुनाव की गारंटी दे सकते हैं?
मधेपुरा जिले में चुनावी रंजिश में हत्याएं भी हो रही हैं और मारपीट की घटना तो सामान्य सी बात है.दूसरे चरण का चुनाव मुरलीगंज प्रखंड में आज है और इससे पहले जिला परिषद् प्रत्याशी मंजू देवी के पति राजद प्रखंड अध्यक्ष रूद्र नारायण यादव को गोली मार दी गयी और वे अभी
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बेहरी के प्रत्याशी की संदिग्ध मौत |
अस्पताल में अपना इलाज करा रहे हैं.चुनाव के पूर्व हत्यायों में संदेहास्पद हत्या बिन्देश्वरी ऋषिदेव की हुई जो सिंघेश्वर प्रखंड के बहरी पंचायत के एक दमदार प्रत्याशी थे.प्रथम चरण के चुनाव के बाद कुमारखंड प्रखंड में श्रीनगर में एक पूर्व विधायक के ड्राइवर की हत्या हो गयी,जिसे चुनावी रंजिश से ही जोड़कर देखा जा रहा है.चुनाव के बाद हीइ इसी प्रखंड के पुरैनी गाँव में वार्ड सदस्य प्रत्याशी अमीना खातून के पति मो० सुयेब उनकी पत्नी और बेटी को विरोधियों ने बुरी तरह बन्दूक के कुंदे आदि से मारकर घायल कर
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मुरलीगंज में इस प्रत्याशी के पति को गोली मारी |
दिया.मो० सुयेब अभी मधेपुरा सदर अस्पताल में अपना इलाज करा रहे हैं.वहीं आलमनगर प्रखंड के सिंहार पंचायत में भी महिला मुखिया प्रत्याशी ममता शाही एवं उनके पति पर विरोधियों ने बुरी तरह हमला कर दिया जिसमे कई लोग जख्मी हो गए.इसके अलावे कई छोटे-मोटे मामले और भी हैं जो पुलिस में दर्ज नहीं कराये गए हैं. ऐसे में पंचायतों में दहशत का माहौल बनता जा रहा है.प्रशासन द्वारा फ्लैग मार्च और बूथों पर सुरक्षा बलों की प्रतिनियुक्ति से लोग तात्कालिक रूप से तो भयमुक्त हो पा रहे हैं पर प्रशासन के हटते ही पुन: लोगों के मन में हो रही
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पुरैनी में हत्या के प्रयास |
घटनाओं से भय होना स्वाभाविक है.लोगों के मन से इस स्थायी भय को निकाल पाना पुलिस प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है.अभी कई चरण के चुनाव होने बाक़ी हैं.ऐसे में देखना है कि प्रशासन कहाँ तक वास्तविक रूप से भयमुक्त वातावरण में चुनाव कराने में सफल हो पाती है
चुनावी रंजिश में हो रही घटनाओं का वीडियो देखने के लिए यहाँ क्लिक करें.
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