‘देशी वियाग्रा’ तरबूज गायब हुआ बाजार से

जी हाँ, देशी वियाग्रा यानी तरबूज.इस वर्ष मधेपुरा के मार्केट से यह करीब-करीब नदारद है.पिछले दिनों वैज्ञानिक खोज से जब यह साबित हो चुका है कि वियाग्रा का देशी तोड़ तरबूज ही है,लोगों ने इसे हाथोंहाथ ले लिया है.यौन शक्ति बढाने में कारगर तरबूज अब चुपके-चुपके जिले के लोगों की भी पसंद बन चुका है.पर समस्या गंभीर होती नजर आ रही है.मधेपुरा शहर में या तो तरबूज नही मिल रहे हैं या फिर अत्यधिक महंगे दामों पर ही लोग इसे खरीद पा रहे हैं.पिछले वर्ष २०-३० रूपये में मिलने वाला तरबूज इस साल ८०-१०० रूपये तक में बिक रहा है.शनिवार को तरबूज बेच रहे एकमात्र शब्जी विक्रेता सुरेश की मानें तो इस साल सारा तरबूज मधेपुरा से बाहर जा रहा है.बाहर के पैकार गओंओं से ही सारा तरबूज थोक भावों पर खरीदकर ट्रक से लेकर चले जाते हैं.यही वजह है कि तरबूज मार्केट में बहुत कम दिखाई दे रहा है.
   जो भी हो, जिले के लोग पहले भी तरबूज का सेवन बड़े चाव से वियाग्रा के रूप में नही बल्कि गरमी से राहत पाने के लिए ठंढा फल समझकर करते रहे हैं,पर नयी खोज ने यहाँ के लोगों को मायूस ही किया है.
(मधेपुरा टाइम्स ब्यूरो)
‘देशी वियाग्रा’ तरबूज गायब हुआ बाजार से ‘देशी वियाग्रा’ तरबूज गायब हुआ बाजार से Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on April 24, 2011 Rating: 5

1 comment:

  1. Tarbooj khana wakai sehat ki baat hai .Videsho me aaj is baat ki khoj hui ki Tarbooj viyagra ki tor hai par apne yaha ees season me khas kar garmi ki shuruaat purva ka badan tor jhonka jab tan badan ko hila kar rakh deti hai tab tarbooj hame kafi rahat pradan karta hai.

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