
जिले में शिक्षा की वास्तविक स्थिति आंकड़ों से काफी दूर नजर आती है.शिक्षितों की संख्यां में अगर वृद्धि है तो ये वृद्धि सिर्फ डिग्रीधारियों की वजह से है और अभी भी जिले के छात्र डिग्री पाने के लिए नक़ल का रास्ता चुने हुए हैं.कल की स्नातक पार्ट-II की परीक्षा में कड़ाई होने पर छात्रों ने जम कर हंगामा किया.प्रशासन से आक्रोशित छात्रों ने आरपीएम डिग्री कॉलेज तुनियाही में सैकड़ों कुर्सियां तथा

बेंच-डेस्क को तोड़ डाला.बाद में उन्होंने कर्पूरी चौक पर सड़क जाम कर दिया.उनकी मांग थी कि जब कॉलेजों में नियमित रूप से पढाई नही होती है तो उन्हें कम से कम परीक्षा में नक़ल से वंचित नही किया जाय.बाद में मधेपुरा सदर डीएसपी ने पुलिस बल के साथ मौके पर पहुँच कर स्थिति को नियंत्रित किया.
यहाँ एक बात तो तय है कि जब तक मधेपुरा में शिक्षा माफियाओं पर नकेल नही कसी जाती है,शिक्षा का स्तर ऊपर नही उठ सकता है और जब तक शिक्षा का स्तर नही उठता है,परीक्षा में नक़ल को पूरी तरह रोक पाना प्रशासन के बूते की चीज नही है.
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