नहीं सुधर पाए बिहार के लोग: एसडीओ

राकेश झा/२५ मार्च २०११
बिहार के १००वें साल में प्रवेश करने पर जहाँ पूरा सूबा बिहार उत्सव मनाकर राज्य के अतीत एवं वर्तमान की सराहना कर रहे हैं,वहीं मधेपुरा के एसडीओ गोपाल मीणा नहीं मान रहे कि बिहार सुधर पाया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत पूरे राज्य के लोग जहाँ बिहार दिवस पर बिहार की गरिमा एवं विकास की बात कर रहे थे उसी कार्यक्रम की एक कड़ी में मधेपुरा के एसडीओ आईएएस गोपाल मीणा बिहार के विकास के दावों पर अपना नजरिया पेश कर रहे थे.इससे भी आगे उन्होंने बोर्ड परीक्षाओं में नक़ल पर अभिभावकों को नसीहत देते हुए कहा कि अगर ये नहीं रूका तो बिहार गौतम बुद्ध के नाम से नही जाना जाएगा बल्कि तालिबान बन जाएगा.
    डीएम,एसपी समेत जिले के तमाम आलाधिकारी एवं प्रबुद्ध जनों के बीच एसडीओ ने बिहार की स्थिति पर कहा कि जब मुझे बिहार कैडर मिला तो मेरे परिवारवालों ने यह कह कर तीन दिनों तक खाना नही खाया कि कहाँ जंगल में जा रहे हो.स्टेडियम सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में एसडीओ साहब को जिम्मा दिया गया था धन्यवाद ज्ञापन का,पर इन्होने इस मौके पर बिहारियों को ही भला-बुरा कहना शुरू कर दिया.धन्यवाद ज्ञापन करने की बजाय ये लोगों को नसीहतें देनी ही शुरू कर दी.नसीहत देते-देते इन्होने यहाँ तक कह डाला कि पूर्व की तरह अब भी राज्य के बाहर बिहार के लोगों को घृणा से देखने की भावना विद्यमान है.
      पर नसीहतें देने के क्रम में मीणा साहब शायद यह भूल गए कि परीक्षा में बार-बार जिस नक़ल की बात ये कर रहे हैं उसे रोकने की जवाबदेही भी प्रशासनिक पदाधिकारियों की ही होती है.मैट्रिक तथा इंटर की भी परीक्षा में हो रहे कदाचार में क्या प्रशासन दोषी नही है? परीक्षा में नक़ल हो रहे थे तो पूरा प्रशासनिक महकमा कहाँ था.उन्होंने इस मौके पर किसी भी बात के आक्रोश में की गयी तोड़-फोड़ पर भी लोगों को लताड़ा पर सवाल ये उठता है कि तोड़-फोड़ की घटनाएं सिर्फ बिहार में ही नही होती.यूपी के जाटों का आरक्षण को लेकर आंदोलन,एसडीओ साहब के गृह प्रदेश राजस्थान में आरक्षण को लेकर चले गुर्जर आंदोलन की वजह से रेल एवं सरकारों को करोड़ों के राजस्व की क्षति हुई थी और रेलमार्ग से यात्रा करने वालों को उस वक्त काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था.और जहाँ तक बिहार की वर्तमान छवि की बात है इस ईमानदार आईएएस  पदाधिकारी की सोच जो भी हो, अधिकाँश लोगों का तो ये मानना है ही कि विगत वर्षों में बिहार की छवि में काफी सुधार हुए है.
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नहीं सुधर पाए बिहार के लोग: एसडीओ नहीं सुधर पाए बिहार के लोग: एसडीओ Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on March 25, 2011 Rating: 5

2 comments:

  1. Sometimes Mr Gopal Meena speaks hard facts without mincing words. Though I keep opposing his unrestrained and inconsistent acts, I am impressed with his straight forward attitude and his integrity. Unfortunately, he couldn't nail Education Mafia and some big fish caught in his net seems to have escaped from law.
    कभी कभी श्री गोपाल मीणा सही और स्वछंदता से अपनी बात कहते हैं, उधारण के लिए इस पोस्ट में उनकी टिप्पणियां. हलाकि मैं अक्सर उनके अनर्गल बातों का विरोध करता रहता हूँ, परन्तु उनके इन विचारों से मैं प्रभावित हुआ हूँ.परन्तु शिक्षा माफिया की बड़ी मछलियाँ उनके जाल से निकल कर कानून से बच निकले, और दुर्भाग्य से उनके विरुद्ध वे कुछ नहीं कर पाए.

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  2. Madhepura Times par published news ke anusar Madhepura ke S.D.O IAS ggGopal Meena ne Bihar Divas par yah kaha ki jab unhe Bihar Cader mila to unke Family members ne unse yah kaha ki kaha JUNGLE me ja rahe ho aur teen dino tak khana nahi khaya. Bihar Divas ke avsar par unka yah kahna yaha tak ki Bihariyo ko bhala bura kah dena Bihar ki janta ke sath ek krur majak hai.Unke family members ki baat par pahle to hamne socha ki Shri Meena ek IAS Officer bane haito "GUDRI ME LAL "wali kahabat sabit hoti hai,par unke juban se aisi baten sunkar saf jhalakta hai ki Bihar ke prati unke Family Members ko hi nahi balki unke man me bhi ghrina thi aur hai. Mai ek bihari hone ke nate saf shabdo me puri duniya ko yah sandesh dena chahta hu ki Bihar ko bhala -bura kahne wale apne ghar - aangan aur apni galiyon me jhank kar dekho ki JUNGLE Bihar hai ya tum janglee tum ho.

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