डॉक्टरों के कई प्रकार समाज में अक्सर देखे जा सकते हैं.ये बात लगभग सच है कि पैसे कमाने की इच्छा करीब सभी डॉक्टरों में हैं.पर इनमे कुछ ऐसे हैं जो पैसे लेकर भी अपने मरीज को अपना समझते हैं और उन्हें चंगा करने की हरसंभव कोशिश करते हैं.और एक नस्ल डॉक्टरों की वो है जो सिर्फ पैसा,पैसा और पैसा.मौका मिले तो कपड़े तक उतरवा लें और चंगा करने की बजाय नंगा कर डालें.पूर्व में हमने मधेपुरा के ज्यादातर डॉक्टरों की स्थिति एक घटना के माध्यम से आपको अवगत कराने की कोशिश की थी.(पढ़ें:डाक्टरों के चपेट में फंसी पूजा- एक दूसरे डॉक्टर ने बचाया) साथ ही हमने दुनियां भर के अपने जागरूक पाठकों से आग्रह किया था कि मधेपुरा टाइम्स पर इस सम्बन्ध में वोटिंग में हिस्सा लें और इस दूसरे नस्ल के डॉक्टरों के साथ क्या सलूक होना चाहिए,इस सम्बन्ध में अपनी राय दें.(वोटिंग लाइन अभी भी खुली हुई है,वोट करना जारी रखें).
अभी तक जो वोटिंग के परिणाम सामने हैं उसमे ५० फीसदी लोगों का मानना है कि सिर्फ पैसे की लालच में इलाज करने वाले डॉक्टरों पर मुकदमा चलाना चाहिए और इनकी सही जगह जेल के अंदर होनी चाहिए.३५ फीसदी लोग ये मानते हैं कि इनका लाइसेंस रद्द कर देना चाहिए,यानी ऐसे घटिया डॉक्टरों को न तो प्रैक्टिस ही करने का अधिकार होना चाहिए और न ही नौकरी ही करने का.पर यहाँ एक प्रश्न का उत्तर मिलना शेष रह जाता है कि ऐसी मानसिकता के लोग दूसरे धंधे को अपना कर उन्हें भी गन्दा नही करेंगे.२५ फीसदी लोग ये भी मानते हैं कि यदि सरकारी व्यवस्था पुख्ता हो तो इनकी प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक लगायी जा सकती है.जबकि अभी भी ६ फीसदी लोग इस मुद्दे को ईश्वर को न्याय करने के लिए छोड़ रहे हैं.उनका मानना है कि भगवान ऐसे डॉक्टरों को अवश्य सजा देंगे.(वोटिंग के प्रतिशतता को जोड़ने पर यह १००% से ज्यादा हो सकता है,क्योंकि कई लोगों ने एक से ज्यादा विकल्प चुने हैं).
एक बड़ा सवाल.बहुमत तो ये मान रही है कि सिर्फ पैसे की लालच में इलाज करने वाले डॉक्टरों पर मुकदमा चला कर उन्हें जेल भेज देना चाहिए,पर एक बड़ी समस्या फिर भी रह जाती है कि हमारे देश में न्यायिक प्रक्रिया काफी उलझी हुई है और खास कर इन पैसे वालों डॉक्टरों के विरूद्ध जल्द न्याय पाना ख़ासा परेशान करने वाला हो सकता है.ऐसे में न्यायिक व्यवस्था को भी सुधरना होगा.पर जो तरीका भी हो,हमें ऐसे लोगों का विरोध तो करना ही होगा ताकि एक स्वस्थ समाज की कल्पना की जा सके.
ऐसे डॉक्टरों को जेल के अंदर होना चाहिए
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
February 17, 2011
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