बाजार पट चुका सामानों से.मधेपुरा के बाजारों में ऐसी भीड़ शायद ही कभी देखने को मिले.धन तेरस के दिन धनवंतरी नामक देवता अम्रत कलश के साथ सागर मंथन से उत्पन्न हुए थे. देव धनवंतरी धन, स्वास्थय व आयु के देवता है. इन्हें देवों के वैध व चिकित्सक के रुप में भी जाना जाता है.वैसे तो इस अवसर पर ज्यादा सोना-चांदी और बर्तन खरीदने की परंपरा है पर मधेपुरा के बाजारों में लगभग हर
दुकान पर भारी भीड़ है आज.यानी हर दुकानदार की चांदी.सोनी ज्वेलर्स हो या छुटभैये ज्वेलर्स,बंगाली की बर्तन की दूकान,पाँव रखने की जगह नही है कहीं.हीरो होंडा के विशाल शोरूम में मोटरसायकिल रखने की जगह नही थी तो बगल की खाली जमीन में हजारों मोटरसायकिल बिक्री के लिए रखी हुई थी जो शाम होते-होते करीब-करीब खाली हो रही थी.टीवी,फ्रिज की दुकानें चाहे उमाशंकर सिंह की हो,या रमण सिंह की,सामानों की आपूर्ति दूकान से कम घर पर रखे स्टॉक से ही की जा रही है.वैसे भी हाल के दिनों में लोगों की आर्थिक सम्पन्नता बढ़ी ही है साथ ही लोगों की मानसिकता भी बदली है और लोग जम कर शौपिंग करने से चूक नही रहे.
दुकान पर भारी भीड़ है आज.यानी हर दुकानदार की चांदी.सोनी ज्वेलर्स हो या छुटभैये ज्वेलर्स,बंगाली की बर्तन की दूकान,पाँव रखने की जगह नही है कहीं.हीरो होंडा के विशाल शोरूम में मोटरसायकिल रखने की जगह नही थी तो बगल की खाली जमीन में हजारों मोटरसायकिल बिक्री के लिए रखी हुई थी जो शाम होते-होते करीब-करीब खाली हो रही थी.टीवी,फ्रिज की दुकानें चाहे उमाशंकर सिंह की हो,या रमण सिंह की,सामानों की आपूर्ति दूकान से कम घर पर रखे स्टॉक से ही की जा रही है.वैसे भी हाल के दिनों में लोगों की आर्थिक सम्पन्नता बढ़ी ही है साथ ही लोगों की मानसिकता भी बदली है और लोग जम कर शौपिंग करने से चूक नही रहे.
इसी दरम्यान कई दुकानों से भीड़ में सामानों के गायब होने के भी समाचार प्राप्त हो रहे हैं जिससे प्रतीत होता है कि उचक्के भी मौका का फायदा उठाने में नही चूक रहे.
धनतेरस की भारी भीड़ बाजार में:उचक्के भी अपनी फिराक में
Reviewed by Rakesh Singh
on
November 03, 2010
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