रूद्रनारायण यादव/०५ जुलाई २०१०
मधेपुरा में मूल्यवृद्धि के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर घोषित भारत बंद काफी असरदार रहा.सुबह से ही खास कर भाजपा,जदयू ,सीपीआई एवं सीपीएम के कार्यकर्त्ता मधेपुरा के विभिन्न चौक-चौराहों को अपने कब्जे में ले लिया और आवागमन को पूर्णरूपेण बाधित कर दिया.जिसके चलते बाहर से आने वाले लोगों को पूरे दिन चिलचिलाती धूप में अपने गंतव्य की ओर
पैदल ही जाना पडा.बंद असरदार रहने के


कारण सरकारी कार्यालयों में भी सन्नाटा देखा गया,सिर्फ सरकारीकर्मी ही काम पर देखे गए.बंद समर्थकों ने चौक-चौराहों पर जम कर केन्द्र की यूपीए सरकार के विरूद्ध नारेबाजी करते देखे गए.हैरत की बात तो यह है कि मधेपुरा में पहली बार महिला को भी भारी मात्र में सड़कों पर सरकार विरोधी नारे लगाते आक्रोशित तेवर में देखे गए जो अपने आप में अभूतपूर्व और अनोखा लग रहा था.बता दें कि जिले के सभी प्रखंडों में भारत बंद का असर पूरे दिन देखा गया.इस दौरान कई जगह पुलिसकर्मी और बंद समर्थकों में हल्की-फुल्की तू-तू मै-मै की भी ख़बरें सुनने को मिली.कुल मिलाकर मधेपुरा में मूल्यवृद्धि के विरूद्ध भारत बंद सफल रहा जिसमे सभी वर्ग के लोगों ने सहयोग दिया.बाद में नेताओं ने समाहरणालय के गेट पर पहुँच कर नारे बाजी की और वहाँ मौजूद हजारों समर्थकों को संबोधित किया.इस मौके पर भाकपा जिला मंत्री प्रमोद प्रभाकर ने कहा कि जब जब केन्द्र में कॉंग्रेस की सरकार बनी है तब-तब कमरतोड़ महंगाई लाई है.इसका इतिहास गवाह है.
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