 रूद्र नारायण यादव/३० जून २०१०
रूद्र नारायण यादव/३० जून २०१० मधेपुरा  जिला मुख्यालय से आठ किमी उत्तर में अवस्थित श्रृंगी ऋषि का तपोभूमि सिंघेश्वर मंदिर परिसर में बने शिवगंगा(तालाब) जिसमे बाहर से आने वाले श्रद्धालु बाबा भोले शंकर पर जल चढाने से पहले स्नान कर मन को शुद्ध करते थे जो पिछले तीन-चार महीने से बाधित है और श्रद्धालु परेशान हैं.जानकारी हो कि धार्मिक न्यास परिषद सिंघेश्वर द्वारा तालाब को  
सौंदर्यीकरण के नाम पर तोड़ कर अस्त-व्यस्त कर
सौंदर्यीकरण के नाम पर तोड़ कर अस्त-व्यस्त कर
दिया गया है और निर्माण कार्य काफी कच्छव गति से चल रहा है. जिस रफ़्तार से कार्य चल रहा है इससे तो साफ़ जाहिर होता है कि एक वर्ष में भी तालाब निर्माण का कार्य पूरा नहीं हो सकेगा.तालाब में स्नान कर पूजा करने को ही श्रद्धालु पूर्ण मानते हैं.लेकिन तालाब की अस्त व्यस्त स्थिति देख श्रद्धालु चिंतित हैं और भोले शंकर से प्रार्थना कर रहे है कि प्रशासनिक अधिकारी को सुबुद्धि दें ताकि जल्द से जल्द निर्माण कार्य कि पूर्ण कर सकें.बता दूं कि देवघर झारखण्ड राज्य में चले जाने के बाद बिहार का देवघर सिंघेश्वर स्थान को ही माना जाता है और खास कर सावन में यहाँ लाखों श्रद्धालु देवघर के बाद जल चढाने आते है.अगर समय रहते धार्मिक न्यास परिषद् नहीं चेती तो उन्हें श्रद्धालुओं के आक्रोश के साथ-साथ बाबा भोले के कोप का भी सामना करना पड़ सकता है.
शिव गंगा निर्माण का कार्य धीमा-श्रद्धालु परेशान
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