आलमनगर का मुरौत गांव कोशी में विलीन:चार करोड़ की बंदरबाँट

रूद्र नारायण यादव/२८ जून २०१०
२००८ के बाढ़ के बाद भी कोशी का कहर जारी है.खास कर कोशी नदी के कटाव के कारण कुछ गांव अब विलुप्तावस्था में आ गए हैं.इनमे सबसे ज्यादा प्रभावित गांव है आलमनगर प्रखंड के खापुर रतवारा पंचायत का मुरौत गांव.बताते हैं की यहाँ तो  कोशी का कहर कटाव के रूप में १९९९ से ही जारी है और सारे लोग भूमिहीन हो गए हैं.ग्रामीण अब विस्थापित की जिंदगी जी रहे हैं.कभी पांच हजार की आबादी वाला ये गांव अब महज सौ लोगों का गांव बन कर रह गया है.कटाव की यही स्थिति रही तो जल्द ही इस गाँव का अस्तित्व मधेपुरा के मानचित्र पर से विलुप्त हो जाएगा.सबसे दुखद बात तो ये है कि मुरौत को बचाने के नाम पर सरकारी राशि की भारी बंदरबाँट भी कर ली गयी.
बताते हैं कि इस मद में करीब चार करोड़ राशि खर्च किये गए जो सरकारी अधिकारियों और ठेकेदारों का ग्रास बन गयी और नतीजा सिफर ही रहा.कटाव निरोधक कार्य और पीड़ितों के नाम पर सरकार द्वारा भेजी गयी राशि निरर्थक साबित हुआ है.गांव के लोग जानवर से भी बदतर स्थिति जीने को विवश है.जाएँ तो जाएँ कहाँ वाली स्थिति चरितार्थ हो रही है.कई परिवार आज भी खुले आसमान के नीचे लाचार होकर रह रहे हैं.
गांव वाले बताते हैं कि अधिकारीगण ने कभी भी गांव के लोगों की राय बचाव कार्य में नहीं ली नहीं तो गाँव बच सकता था.बात यहाँ भी सत्य प्रतीत होता है कि बाढ़ राहत के नाम पर अधिकारियों और कर्मचारियों ने सच में भारी लूट मचाया.शायद अब भी सरकार के कान पर जूं रेंगे और बचे लोगों की जिंदगी बचाई जा सके.
आलमनगर का मुरौत गांव कोशी में विलीन:चार करोड़ की बंदरबाँट आलमनगर का मुरौत गांव कोशी में विलीन:चार करोड़ की बंदरबाँट Reviewed by Rakesh Singh on June 28, 2010 Rating: 5

No comments:

Powered by Blogger.