किसी ने कहा लोकतंत्र जनता का शासन है,किसी ने कहा ये मूर्खों का शासन है.पर लोकतंत्र का आधार संसद है इसमें शायद किसी को कोई शक नहीं.वर्तमान में संसद में अक्सर इस तरह के दृश्य देखने को मिलते हैं,जिसे देखकर बच्चे भी शरमा जाते हैं.पूरी दुनिया में सांसद का आपस में भिड जाना (बातों से नहीं) अब लगता है संसद की स्वाभाविक प्रक्रिया बन चुकी है. ये सांसद आपस में किस तरह जूतम-पैजार करते हैं और कभी-कभी तो दूसरे का गला भी दबा देते हैं,ऐसे में शायद वो दिन भी जनता को देखना पड़ सकता है जब उनके जनप्रतिनिधि भरे संसद में टेलीविजन के सामने हत्या कर दें और पब्लिक 'लाइव डेथ' का डरावना नजारा आँखों के सामने देखें और नारा लगाने लगें........हमारा नेता कैसा हो......
ये जनतंत्र है या रणतंत्र ?
Reviewed by Rakesh Singh
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April 24, 2010
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bahut achha report hai,please national issues par bhi kuchh report den.Main Delhi me rahti hoon par Madhepura Times roj ek baar dekh leti hoon.
ReplyDeleteEVERY DAY CHEKED PROFILE. AS LIKE CHILD.
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