चुनाव के समय में बढ़े प्रेम-प्रसंग के मामले, प्रेमी-प्रेमिकाओं के पीछे भी लग रही है पुलिस की एनर्जी, युवाओं को नेताओं से अधिक प्यार पर भरोसा

|दिव्य प्रकाश की रिपोर्ट|09 अप्रैल 2014|
कहते हैं जब रोम जल रहा था तो नीरो बंशी बजा रहा था. चुनाव के समय में प्रशासन भले ही युवाओं को वोट के प्रति आकर्षित करने के प्रयास में नुक्कड़ नाटक वगैरह कर रहे हों, पर जिले में प्यार के पंछी इन बातों से दूर चुनावी माहौल में भी मुहब्बत के आसमान में स्वतंत्र विचरण करना चाह रहे हैं.
      कल जिले के बिहारीगंज थानाक्षेत्र के नवटोलिया निवासी चानो मेहता के पुत्र मंजीत को जम्मू की निशु नाम की लड़की के साथ जम्मू पुलिस ने बिहारीगंज पुलिस की मदद से बिहारीगंज में ही बरामद कर लिया. बताया गया कि मंजीत जम्मू में कबाड़ी का काम करता था और निशु आठवीं कक्षा की छात्रा थी. दोनों की आँखें लड़ी और प्यार को मुकाम देने के लिए भागकर बिहारीगंज आ गए. पर लड़की के पिता ने नाबालिग बेटी को बहला-फुसला कर भगा लेने का मुकदमा दर्ज करा दिया था और फिर दोनों प्यार के पंछी फिलहाल जम्मू पुलिस के पंजरे में कैद हो गए. छापेमारी में बिहारीगंज पुलिस को भी अपना वक्त गंवाना पड़ा.
      दूसरी घटना जिले के गम्हरिया, तुरकाही से जुड़ी है. गत 26 मार्च को ही गाँव के मनीष कुमार ने अपने दोस्तों की मदद से अपने पड़ोस की ही रिश्ते में बहन लगने वाली रंजू (बदला नाम) को भगा लिया था. पुलिस ने पहले तो मनीष को सलाखों के पीछे पहुंचाया और आज लड़की को भी बयान के लिए न्यायालय लाया गया. लड़की ने बताया कि वह मनीष से दो साल से प्यार करती है और दोनों ने स्वेच्छा से भागकर शादी की है. पंडित नहीं मिला तो मनीष ने उसकी मांग में सिन्दूर भर दिया. बाद में उन्होंने कोर्ट मैरेज भी की. रंजू के पिता और स्कूल के सर्टिफिकेट के अनुसार नाबालिग होने के दावे को खारिज किया और कहा कि वह बालिग़ है. कोर्ट ने भी उसकी उम्र का आकलन 18 वर्ष किया.
ऐसा लगता है कि विकास तो इन नए वोटरों का भी मुद्दा है, पर पहले ये मनचाहा जीवन साथी पाकर खुद की जिंदगी विकसित करना चाहते हैं. शायद इन्हें लगता है कि नेता तो धोखा का दूसरा नाम है, और पांच साल में ही इनकी पोल खुल जाती है. पर यदि अच्छा जीवनसाथी चुनने में ये कामयाब हो जाते हैं तो नेताओं के द्वारा दिए गए दर्द को भुलाना इनके लिए शायद आसान होगा. यही वजह है कि ये किसी नेता के समर्थन में जिंदाबाद करने की बजाय मुहब्बत जिंदाबाद का नारा लगा रहे हैं.
चुनाव के समय में बढ़े प्रेम-प्रसंग के मामले, प्रेमी-प्रेमिकाओं के पीछे भी लग रही है पुलिस की एनर्जी, युवाओं को नेताओं से अधिक प्यार पर भरोसा चुनाव के समय में बढ़े प्रेम-प्रसंग के मामले, प्रेमी-प्रेमिकाओं के पीछे भी लग रही है पुलिस की एनर्जी, युवाओं को नेताओं से अधिक प्यार पर भरोसा Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on April 09, 2014 Rating: 5

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