कहीं खुशी कहीं गम: नए वोटरों में उत्साह तो विकास से दूर कई वोटर नहीं मनाएंगे लोकतंत्र का महापर्व: मधेपुरा चुनाव डायरी (73)

|आरिफ आलम|29 अप्रैल 2014|
लोकतंत्र का महापर्व. 30 अप्रैल पूरे मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र के वोटरों के लिए बहुत ही खास दिन साबित होगा. अभी से लोग अपने घरों में कल के मतदान की तैयारी में लग गए हैं. सुबह ही अपना वोट गिरा आयेंगे, क्योंकि धूप कम होगी, कुछ ऐसा ही बहुत से वोटर सोच रहे हैं. तो इस बार पहली बार मतदाता बने युवाओं का भी उत्साह चरम पर दिख रहा है. सोच रहे हैं कि क्या सचमुच उनका एक वोट इलाके और देश की तस्वीर बदल देगा ? उत्साह चरम पर है.
      पर इन सबसे दूर जिले में एक ऐसा भी तबका है जो इस लोकतंत्र को कोस रहे हैं. क्या हुआ देश को जो आजादी मिली. आजादी के बाद भी जब वाही उपेक्षा तो फिर आजादी और चुनाव का क्या मतलब ? चौसा प्रखण्ड मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर स्थित फुलौत पश्चिमी पंचायत के सपनी मुसहरी, झंडापुर टोला, घसकपुर टोला एवं पनदही टोला में सड़क एवं बिजली आपूर्ति आजादी के 67 साल के बाद भी नहीं हो पाई है. बिजली एवं सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी से आक्रोशित करीब 1200 लोगों ने वोट बहिष्कार का फैसला लिया है. यह वही जगह है जहाँ पोलियो जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रम भी पूर्व में बाधित किये गए हैं. क्योंकि इनका मानना है कि जब चुने गए जनप्रतिनिधि बुनियादी सुविधा भी देने में असमर्थ हैं तो फिर कैसा चुनाव, कैसा वोट और कैसा लोकतंत्र ???
कहीं खुशी कहीं गम: नए वोटरों में उत्साह तो विकास से दूर कई वोटर नहीं मनाएंगे लोकतंत्र का महापर्व: मधेपुरा चुनाव डायरी (73) कहीं खुशी कहीं गम: नए वोटरों में उत्साह तो विकास से दूर कई वोटर नहीं मनाएंगे लोकतंत्र का महापर्व: मधेपुरा चुनाव डायरी (73) Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on April 29, 2014 Rating: 5

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