चुनाव की पूर्वसंध्या को अफवाहों का बाजार गर्म, मतदाता हैं चुप, तीनों मुख्य प्रत्याशी कर रहे जीत के दावे, किनके दावों की निकलेगी हवा?: मधेपुरा चुनाव डायरी (74)
|वि० सं०|29 अप्रैल 2014|
चुनाव की पूर्व संध्या है, जगह-जगह अफवाहों का दौर
कोई नई बात नहीं है. अफवाहों ने जिला प्रशासन को भी बेचैन कर रखा है. पर चुनाव एक
संवेदनशील मामला होता है. जाहिर है अफवाहों की सत्यता की जांच तो करनी ही होगी.
उधर सभी
प्रमुख प्रत्याशियों ने कल की रणनीति पर अंतिम रूप से काम करना शुरू कर दिया है.
बूथों पर एजेंट सक्रिय रहें, इसके लिए विशेष निर्देश दिए जा रहे हैं. पर
प्रत्याशियों को सबसे अधिक इस बात की चिंता है कि कई जगह प्रत्याशियों ने आश्वासन
दे तो दिया है, पर गुप्त सूचना मिल रही है कि ये प्रत्याशी दूसरे खेमे का समर्थन
कर रहे हैं. मतदाता इतने खामोश और जागरूक हैं कि उन्होंने हर प्रत्याशी को वोट का
आश्वासन दे दिया है. नतीजा यह है कि तीनों मुख्य प्रत्याशी इन्ही आश्वासनों पर
अपने-अपने जीत का दावा ठोंक रहे हैं.
मतदान
में अब 11 घंटे से भी कम समय बचा है और सूत्रों के मुताबिक़ इस अंतिम समय में जातीय
ध्रुवीकरण भी तेजी से हो रहा है. वैसे भी मधेपुरा में जातीय गणित पर जीत-हार का लंबा
इतिहास रहा है. भले ही सिद्धांत में जाति से ऊपर उठने के दावे किये जाते रहे हों,
पर अंदर की हकीकत कुछ और है.
जो भी
हो, कल प्रत्याशियों कीई किस्मत ईवीएम में कैद हो जायेगी और 16 मई को विजेता को
छोड़ बाक़ी के दावे की हवा निकल जायेगी.
चुनाव की पूर्वसंध्या को अफवाहों का बाजार गर्म, मतदाता हैं चुप, तीनों मुख्य प्रत्याशी कर रहे जीत के दावे, किनके दावों की निकलेगी हवा?: मधेपुरा चुनाव डायरी (74)
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
April 29, 2014
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