आजादी के पूर्व से स्थापित मधेपुरा का मिठाई रेलवे स्टेशन बन गया है देश का पहला रेलवे स्टेशन जहां बगैर सिग्नल के ही दौडती है रेलगाड़ी.
यही नहीं ये अनोखा स्टेशन बगैर टेलीफोन का भी है. हालात ये है कि यहाँ के स्टेशन
मास्टर अपने निजी मोबाईल से स्टेशन का काम चलाते हैं.
जबकि ये इतना महत्वपूर्ण स्टेशन है कि जहां बाहर से मधेपुरा
आने और जाने वाली सभी ट्रेनों को यहाँ से होकर गुजरना पड़ता है. फिर भी अब तक सिग्नल
तक की व्यवस्था नही किया जाना बड़े हादसे को को आमंत्रित करने जैसा है.
बताते हैं कि मधेपुरा का मिठाई स्टेशन जो सहरसा और मधेपुरा
के बीच में अवस्थित है यहाँ पिछले 40 साल से सिग्नल नही लगा है. परिणामस्वरूप बगैर
सिग्नल यहां से पटना व बाहर जाने वाली सभी ट्रेनें गुजरती हैं.
स्थानीय लोगों की बदनसीबी देखिये कि इन्होने कई बार आन्दोलन
भी किया पर उलटे उनके ऊपर मुकदमा भी गया, फिर भी लापरवाह रेलवे प्रशासन ने यहाँ सिग्नल
लगाना उचित नहीं समझा. स्टेशन मास्टर वी.एन.विश्वास मानते हैं कि न तो यहाँ सिग्नल
है और न ही टेलीफोन, ऐसे में परेशानी तो है.
लगातार हो
रही ट्रेन दुर्घटना के बावजूद सोये रेल मंत्रालय को शायद इन्तजार है धमारा जैसी घटना
की पुनरावृति मिठाई में होने की.
मिठाई स्टेशन को भी है एक बड़े हादसे का इन्तजार
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 20, 2013
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